संपर्क : 7454046894
भ्रामरी प्राणायाम करे
Submitted by neetu on 14 August 2019 - 11:53am

किस स्थिति में बैठना चाहिए:- इस प्रकार ध्यान के आसान में बैठें.
विधि:-
- आसन में बैठकर रीढ़ को सीधा कर हाथों को घुटनों पर रखें . तर्जनी को कान के अंदर डालें।
- दोनों नाक के नथुनों से श्वास को धीरे-धीरे ओम शब्द का उच्चारण करने के पश्चात मधुर आवाज में कंठ से भौंरे के समान गुंजन करें।
- नाक से श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ दे।
- पूरा श्वास निकाल देने के पश्चात भ्रमर की मधुर आवाज अपने आप बंद होगी।
- इस प्राणायाम को तीन से पांच बार करें|
लाभ इस प्रकार है -
- ह्रदय रोग के लिए फायदेमंद है
- वाणी तथा स्वर में मधुरता आती है।
- उच्च रक्त चाप पर नियंत्रण करता है
- मन की चंचलता दूर होती है एवं मन एकाग्र होता है।
- पेट के विकारों का शमन करती है।
Vote:
Quiz: