योग का महत्व

वर्तमान समय में शारीरिक श्रम कम हो गया है जिससे हम अक्सर बीमार रहने लगे हैं अतः सभी के लिए योग करना जरूरी हैGhazi

पेट के रोग में राम-बाण है अग्निसार क्रिया

अग्निसार क्रिया

हमारे शरीर को 13 प्रकार की अग्नियां चलाती हैं, जिनमें खाना पचाने में उपयोगी सात धातुओं की अग्नि, पांच भूतों की अग्नि व एक भूख लगाने वाली जठराग्नि होती है। अतः जो इन 13 प्रकार की अग्नियों को बल दे, उसे अग्निसार कहते हैं। यह क्रिया पेट के रोगों से जीवन भर बचाव के लिए बड़ी महत्वपूर्ण है। यह भी षट्कर्म का एक अभ्यास है। Read More : पेट के रोग में राम-बाण है अग्निसार क्रिया about पेट के रोग में राम-बाण है अग्निसार क्रिया

प्राण, अपान और अपानवायु मुद्रा

अपानवायु मुद्रा

मुद्राओं का जीवन में बहुत महत्व है। मुद्रा दो तरह की होती है पहली जिसे आसन के रूप में किया जाता है और दूसरी हस्त मुद्राएँ होती है। मुद्राओं से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ प्रस्तुत है प्राण, अपान और अपानवायु मुद्रा की विधि और लाभ।

प्राण मुद्रा : छोटी अँगुली (चींटी या कनिष्ठा) और अनामिका (सूर्य अँगुली) दोनों को अँगूठे से स्पर्श करो। इस स्थिति में बाकी छूट गई अँगुलियों को सीधा रखने से अंग्रेजी का 'वी' बनता है। Read More : प्राण, अपान और अपानवायु मुद्रा about प्राण, अपान और अपानवायु मुद्रा

अगर एनर्जी पानी है, तो कीजिए ये योग मुद्राएं

कीजिए ये योग मुद्राएं

योगा आपके शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम करता है। ये एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और शरीर और आत्मा का मिलन होता है। योगा से तनाव तो कम होता ही है, साथ ही ये वजन कम करने से लेकर कई अन्य बीमारियों के इलाज में कारगर साबित होता है।
बालासन
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खांसी और जुकाम बस दस मिनट..........गायब

खांसी और जुकाम

मौसम के परिवर्तन के कारण संक्रमण से कई बार वाइरल इंफेक्शन के कारण हमारे गले व फेफड़ों में जमने वाली एक श्लेष्मा होती है जो खांसी या खांसने के साथ बाहर आता है। यह फायदेमंद और नुकसानदायक दोनों है। इसे ही कफ कहा जाता है। अगर आप भी खांसी या जुकाम से परेशान है तो बिना दवाई लिए भी रोज सिर्फ दस मिनट इस मुद्रा के अभ्यास से कफ छुटकारा पा सकते हैं।

मुद्रा- बाएं हाथ का अंगूठा सीधा खडा कर दाहिने हाथ से बाएं हाथ कि अंगुलियों में परस्पर फँसाते हुए दोनों पंजों को ऐसे जोडें कि दाहिना अंगूठा बाएं अंगूठे को बहार से कवर कर ले,इस प्रकार जो मुद्रा बनेगी उसे अंगुष्ठ मुद्रा कहेंगे। Read More : खांसी और जुकाम बस दस मिनट..........गायब about खांसी और जुकाम बस दस मिनट..........गायब

स्तन कैंसर के उपचार के बाद योग करना लाभदायक l

योग करना लाभदायक

एक शोध में पता चला है कि स्तन कैंसर के इलाज के बाद यदि कम से कम तीन महीनों तक नियमित रूप से योगाभ्यास किया जाए , तो इससे थकान और सूजन काफी हद तक कम होती है। अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और मनोरोग विशेषज्ञ जेनिस कीकॉल्ट-ग्लासेर ने कहा, "कुछ महीनों तक लगातार योगाभ्यास करने से स्तन कैंसर से उबरे मरीजों को काफी फायदा पहुंचता है।" उन्होंने कहा, "नियमित योगाभ्यास के सकारात्मक परिणाम उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिनको थकान और सूजन की समस्या रहती है।" योगा करने से हमारे शरीर को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं जिसका अनुमान शायद ही हम इस जिंदगी में लगा सकते हैं। Read More : स्तन कैंसर के उपचार के बाद योग करना लाभदायक l about स्तन कैंसर के उपचार के बाद योग करना लाभदायक l

योग क्या है योग के फायदे

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योग और प्राणायाम दिखने में तो सरल लगते हैं परंतु उनका संपूर्ण लाभ लेने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना बेहद जरुरी है। अगर आप इन नियमो का पालन नहीं करते हैं तो योग से होने वाले फायदे तो नहीं ही मिलते हैं अपितु हानि भी हो सकती है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हम नए रोगियों के लिए इन विशेष नियमों को एक बार फिर से लेकर आए हैं Read More : योग क्या है योग के फायदे about योग क्या है योग के फायदे

श्री श्री योग

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श्री श्री योग जीवन का एक समग्र तरीका है जो योग के प्राचीन ज्ञान के सभी तत्वों को एकीकृत करता है, ताकि प्रार्थनापूर्वक अनुशासनमय रहते हुए, शरीर, मन और आत्मा को एक कर सकें। सरल श्रृंखला के साथ-साथ, हालांकि प्रभावी योगआसन और श्वास तकनीक में, ध्यान के आंतरिक अनुभव पर अधिक जोर दिया जाता है, क्योंकि मन के स्वास्थ्य और मानव अस्तित्व से जुडे अन्य छिपे हुए तत्वों के लिए यह जरुरी है। हम मानते हैं कि जब किसी के भीतर सद्भाव होता है; तो जीवन के माध्यम से यात्रा शांत, सुखद और अधिक परिपूर्ण हो जाती है। Read More : श्री श्री योग about श्री श्री योग

योग क्या है?

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योग शब्द संस्कृत धातु 'युज' से निकला है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन। योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है । हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं, जहाँ लोग शरीर को मोडते, मरोड़ते, खिंचते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं। यह वास्तव में केवल मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाले इस गहन विज्ञान के सबसे सतही पहलू हैं। योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है| Read More : योग क्या है? about योग क्या है?

योग से पाएं खतरनाक रोगों पर नियंत्रण

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किसी कठिन और थका देने वाली दो-ढाई घंटे लंबी कसरत के बजाय बीस से तीस मिनट तक किया जाने वाला योगाभ्यास ज्यादा कारगर होता है। कसरत में फिर भी नुकसान की गुंजाइश रहती है क्योंकि पता नहीं शरीर में कौन सा रोग पल रहा है और की जा रही कसरत अपने दबाव से उस रोग को बढ़ा या बिगाड़ दे। Read More : योग से पाएं खतरनाक रोगों पर नियंत्रण about योग से पाएं खतरनाक रोगों पर नियंत्रण

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