अपन वायु मुद्रा

अपन वायु मुद्रा

विधि-
सर्वप्रथम वज्रासन / पद्मासन या सुखासन में बैठ जाइए।
अब तर्जनी उंगली को अंगूठे की जड़ में लगाएँगे और मध्यमा और अनामिका के अग्र भाग को अंगूठे के अग्र भाग से स्पर्श करेंगे व छोटी उंगली (कनिष्ठका) को सीधा रखेंगे।
हाथों को घुटनो पर रखिए हथेलियों को आकाश की तरफ रखेंगे।
आँखे बंद रखते हुए श्वांस सामान्य बनाएँगे।
अपने मन को अपनी श्वांस गति पर केंद्रित रखिए।

लाभ- 

      -पेट के रोगों में लाभप्रद
      -हृदय रोगी में लाभकारी
      -रक्तचाप को नियंत्रित करती है
      -मानसिक शांति व आनंद देती है
      -ऊर्जा का संचार अधिक करती है
      -वायु विकार में लाभप्रद

 

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