योग की परिभाषा दीजिये

योग शास्त्र की भूमिका

योग शास्त्र की भूमिका

योग शास्त्र की भूमिका

योग का वर्णन वेदों में, 
फिर उपनिषदों में और 
फिर गीता में मिलता है,
 लेकिन पतंजलि और 
गुरु गोरखनाथ ने 
योग के बिखरे हुए ज्ञान को 
व्यवस्थित रूप से लिपिबद्ध किया।

 योग हिन्दू धर्म के 
छह दर्शनों में से एक है। 
ये छह दर्शन हैं:-- 
1.न्याय 
2.वैशेषिक 
3.मीमांसा 
4.सांख्य 
5.वेदांत और 
6.योग।* 

आओ जानते हैं योग के बारे में वह सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं। Read More : योग शास्त्र की भूमिका about योग शास्त्र की भूमिका

फंडामेंटल ऑफ़ योगा

योग एक परिचय

योग एक परिचय

योग भारतीय वैदिक परंपरा की अमूल्य देन है योग का प्रारंभिक ज्ञान वैदिक दर्शन से ही प्राप्त हुआ है ऋग्वेद में सर्वप्रथम योग संबंधी विचारधारा का उल्लेख मिलता है वेद भारतीय अध्यात्म दर्शन की के प्रेरणा स्रोत हैं वेदों में ही मानव मुक्ति हेतु योग दर्शन के ज्ञान का प्रादुर्भाव मिलता है

 

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योग-एक संक्षिप्त परिचय

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योग से अर्थ योग=जोड़

मन या आत्मा का जुड़ाव परमात्मा से 
परमात्मा से अर्थ सिर्फ ईश्वर ही न समझे अपितु

परमात्मा=परम(उच्च)+आत्मा(ज्ञान का प्रकाशक)
"इस ब्रह्माण्ड मे सर्वोच्च स्थान ज्ञान का ही तो है" Read More : योग-एक संक्षिप्त परिचय about योग-एक संक्षिप्त परिचय