उच्च रक्तचाप के लिए मुद्रा

योग में, ध्यान और प्राणायाम के ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से मुक्त रह सकते हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपको दवा साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं।

आजमाएं ज्ञान मुद्रा
कुमार राधारमण कहते हैं कि यदि आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान हैं, तो ज्ञान मुद्रा करके देखें। इसके लिए सबसे पहले पालथी मारकर बैठ जाएं। पीठ सीधी रहे। यदि पीठ सीधी करके बैठने में दिक्कत हो, तो पीठ को किसी दीवार के सहारे टिका लें। सिर को बिल्कुल सीधा रखते हुए एकदम स्थिर रखें। आंखें बंद कर लें। पलकों में कोई हलचल न हो। अब ज्ञान मुद्रा लगाएं। इसमें अंगूठे के ऊपरी हिस्से को तर्जनी के ऊपरी हिस्से से मिलाएं और बाकी उंगलियों को बिल्कुल सीधा रखें। इस मुद्रा में अपनी हथेलियों को घुटनों पर रख लें। हथेलियों की दिशा ऊपर की ओर रहे। अब अपनी सांसों पर ध्यान दें। न अपनी तरफ से सांसों की गति घटाएं-बढ़ाएं और न ही कोई कुंभक लगाएं।

जब आप सांस पर गौर करना शुरू करेंगे, तो बहुत से विचार आपको घेर लेंगे। उनसे आपको ध्यान में उतरने में दिक्कत होगा। यह हर शुरुआती साधक की समस्या है, लेकिन विचारों का आना तभी तक ध्यान में बाधक है, जब तक आप उनसे लड़ते हैं। उन्हें दूर करने की कोशिश करते हैं। विचारों से लड़ें नहीं, उनका स्वागत करें। आप हैरान होंगे कि जैसे ही आप विचारों को स्वीकार कर लेते हैं, विचार धीरे-धीरे गायब हो जाएंगे। यह निर्विचार अवस्था ही ध्यान है।

धीरे-धीरे, शरीर और मन से आपका ध्यान हट जाएगा और आप केवल सांस रह जाएंगे। सहज श्वास जारी रखें। अगर आप इसी अवस्था में आधे घंटे रह सकते हैं, तो ठीक वरना शवासन में लेट जाएं। आपको नींद का अनुभव होगा, लेकिन नींद से बचने की कोशिश करें। ध्यान से बाहर आने के बाद, धीरे-से दायीं करवट लें और उठकर बैठ जाएं। हथेलियों को कुछ सेकंड तक रगड़ें और फिर उसे अपनी आंखों पर रखें। आंखों पर हथेलियों की गर्माहट से आप तरोताजा महसूस करेंगे और सामान्य दिनचर्या के लिए तैयार हो जाएंगे। हालांकि, किसी भी योगाभ्यास और मुद्रा लगाने से पहले किसी अच्छे योगाचार्य से संपर्क अवश्य कर लें।

अन्य लाभ
अंतर्मुखी होने में मदद मिलेगी।
मन शांत होगा, जिसका प्रभाव घर और बाहर दोनों जगह दिखेगा।
सांस संबंधी रोगों से बचे रहेंगे।
आंतें मजबूत होंगी और पाचन-शक्ति बढ़ेगी।

हाई बीपी के मरीजों के लिए शवासन उपयोगी

शवासन उपयोगी

शवासन में सांस पर नियंत्रण रखकर शरीर को निर्जीव अवस्था में छोड़ा जाता है। इस अभ्यास में हम इंद्रियों व मन को बाहर के विषयों से हटाते हैं और शरीर व मन को ऊर्जा से भर देते हैं। इस आसन का अभ्यास कोई भी व्यक्ति कर सकता है। हाई ब्लड प्रेशर के रोगी लगातार इस आसन को करें तो बीपी कंट्रोल किया जा सकता है। 

फायदे 
इस अभ्यास को करने से मानसिक तनाव, थकान दूर होकर नई ऊर्जा का संचार होता है। इससे सिरदर्द, अनिद्रा और अवसाद की समस्या नहीं रहती।

ध्यान रहे 
अगर आपके कमर में दर्द रहता है तो इस आसन को करते समय घुटने के नीचे कंबल या तकिया लगा लें। Read More : हाई बीपी के मरीजों के लिए शवासन उपयोगी about हाई बीपी के मरीजों के लिए शवासन उपयोगी

उच्च रक्तचाप सामान्य करे शवासन

उच्च रक्तचाप के लिए मुद्रा, उच्च रक्तचाप के लिए आहार, उच्च रक्तचाप के लिए घरेलू उपचार, लो ब्लड प्रेशर के लिए योग, योग फॉर हाई ब्लड प्रेशर, हाई बीपी के लिए योग, रक्तचाप दूर भगाओ, हाई बीपी के लिए क्या करें

शव का अर्थ होता है मृत अर्थात अपने शरीर को शव के समान बना लेने के कारण ही इस आसन को शवासन कहा जाता है। यह दो शब्दों के योग से बना है, शव + आसन = शव आसन या शवासन। इस आसन को रोज 20 मिनट तक करने से दिमाग शांत हो जाता है, सारी चिंताए मिट जाती हैं और उच्‍च रक्‍तचाप सामान्‍य हो जाता है। यह एक शिथिल करने वाला आसन है और शरीर, मन, और आत्मा को नवस्फूर्ति प्रदान करता है। ध्यान लगाने के लिए इसका सुझाव नहीं दिया जाता क्योंकि इससे नींद आ सकती है। शवासन एक मात्र ऐसा आसन है, जिसे हर आयुवर्ग के लोग कर सकते हैं। यह सरल भी है। आइये और जानते हैं कि यह आसन किस विधि से किया जाता है और इसके क्‍या क्‍या लाभ होते ह Read More : उच्च रक्तचाप सामान्य करे शवासन about उच्च रक्तचाप सामान्य करे शवासन