चंद्रयान-2 है इसरो का 'मिशन पॉसिबल'

चंद्रयान-2 है इसरो का 'मिशन पॉसिबल'

भारत की अंतरिक्ष ऐजेंसी इसरो ने दूसरे चंद्र अभियान के लिए चंद्रयान-2 भेजने की घोषणा कर दी है.

इसरो के अध्यक्ष डॉक्टर के सिवन ने कहा कि 15 जुलाई को तड़के क़रीब 2.51 बजे चंद्रयान-2 उड़ान भरेगा और अनुमान है कि 6 या 7 सितंबर को वो चांद पर उतर जाएगा.

2008 में भारत ने पहले चंद्रयान को चंद्रमा की कक्षा में भेजने में सफलता हासिल की थी, हालांकि ये यान चंद्रमा पर उतरा नहीं था.

पूरे विश्व की निगाहें भारत के इस अंतरिक्ष मिशन पर लगी हुई हैं. भारत 10 साल में दूसरी बार चांद पर जाने वाला अपना मिशन पूरा करने जा रहा है. भारत में इस मिशन को लेकर काफ़ी उत्साह है.

चंद्रयान-2 को भारत में निर्मित जीएसएलवी मार्क III रॉकेट अंतरिक्ष में लेकर जाएगा. इस अभियान के तीन मॉड्यूल्स हैं - लैंडर, ऑर्बिटर और रोवर.

null
ull.

लैंडर का नाम रखा गया है- विक्रम और रोवर का नाम रखा गया है- प्रज्ञान. इसका वज़न 3.8 टन है और इसकी लागत लगभग 603 करोड़ रुपए है.

क्या है चंद्र मिशन-2

इसरो ने कहा, ''चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर उतरेगा और इस जगह की छानबीन करेगा. यान को उतरने में लगभग 15 मिनट लगेंगे और ये तकनीकि रुप से बहुत मुश्किल क्षण होगा क्योंकि भारत ने पहले कभी ऐसा नहीं किया है.''

 

चंद्रयान-2इमेज कॉपीरइटPRESS INFORMATION BUREAU, INDIA

उतरने के लिए दक्षिणी हिस्से के चुनाव को लेकर इसरो का कहना है कि अच्छी लैंडिग के लिए जितने प्रकाश और समतल सतह की आवश्यकता होती है वो उसे इस हिस्से में मिल जाएगा. इस मिशन के लिए पर्याप्त सौर ऊर्जा उस हिस्से में मिलेगी. साथ ही वहां पानी और खनिज मिलने की भी उम्मीद है.

इसरो के मुताबिक लैंडिंग के बाद रोवर का दरवाज़ा खुलेगा और यह महत्वपूर्ण क्षण होगा. लैंडिंग के बाद रोवर के निकलने में चार घंटे का समय लगेगा. इसके 15 मिनट के भीतर ही इसरो को लैंडिंग की तस्वीरें मिल सकती हैं.

इसरो ने कहा, ''हम वहां की चट्टानों को देख कर उनमें मैग्निशियम, कैल्शियम और लोहे जैसे खनिज को खोजने का प्रयास करेगें. इसके साथ ही वहां पानी होने के संकेतो की भी तलाश करेगें और चांद की बाहरी परत की भी जांच करेंगे.''

चंद्रयान-2 के हिस्से ऑर्बिटर और लैंडर पृथ्वी से सीधे संपर्क करेंगे लेकिन रोवर सीधे संवाद नहीं कर पाएगा. ये 10 साल में चांद पर जाने वाला भारत का दूसरा मिशन है.

चंद्रयान-1

चंद्रयान-1 चंद्रमा पर जाने वाला भारत का पहला मिशन था. ये मिशन लगभग एक साल (अक्टूबर 2008 से सितंबर 2009 तक) था. चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर 2008 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अंतरिक्ष में भेजा गया था.

ये आठ नवंबर 2008 को चंद्रमा पर पहुंच गया था. इस चंद्रयान ने चंद्रमा की कक्षा में 312 दिन बिताए थे. तत्कालीन इसरो के चेयरमैन जी माधवन नायर ने चंद्रयान मिशन पर संतोष जताया था.

उन्होंने बताया था कि चंद्रयान को चंद्रमा के कक्ष में जाना था, कुछ मशीनरी स्थापित करनी थी. भारत का झंडा लगाना था और आंकड़े भेजने थे और चंद्रयान ने इसमें से सारे काम लगभग पूरे कर लिए हैं.

चंद्रयान-2इमेज कॉपीरइटPIB

 

नासा के अनुसार, चंद्रयान-1 का उद्देश्य न केवल अंतरिक्ष में भारत की तकनीक का प्रदर्शन करना था बल्कि इसका उद्देश्य चंद्रमा के बारे में वैज्ञानिक जानकारी जुटाना भी था. इसका लक्ष्य चंद्रमा के भूविज्ञान, खनिज विज्ञान और ज़मीन के बारे में डेटा इकट्ठा करना था.

पानी होने के सबूत

सितंबर 2009 में नासा ने ऐलान किया था कि चंद्रयान -1 के डेटा ने चंद्रमा पर बर्फ़ होने के सबूत पाए गए हैं. अन्य अंतरिक्ष यानों की टिप्पणियों ने भी चांद पर पानी होने के संकेत दिए हैं.

नासा ने नवंबर 2009 में घोषणा की थी कि नासा के LCROSS (लूनर क्रेटर ऑब्जर्वेशन एंड सेंसिंग सैटेलाइट) ने चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में पानी की मात्रा के संकेत दिए है.

प्रधानमंत्री का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को लाल किले से इस बात का ऐलान किया था कि 2022 तक या उससे पहले यानी आज़ादी के 75वें साल में भारत के नागरिक हाथ में झंडा लेकर अंतरिक्ष में जाएगें और भारत मानव को अंतरिक्ष तक ले जाने वाला देश बन जाएगा.

Vote: 
No votes yet

विज्ञान एवं तकनीकी

विज्ञान एवं तकनीकी Total views Views today
अब BSNL की न्‍यूनतम स्‍पीड होगी 2 mbps 4,372 2
डिस्कवरी नए मिशन पर रवाना 1,657 1
'महिलाओं के लिए वायग्रा' को मंज़ूरी 1,440 1
फ़ाइजर की नज़र भारतीय कंपनी पर 1,083 1
केंद्र -जम्मू-कश्मीर में खुलेंगे 2 एम्स 3,723 1
पृथ्वी पर पानी की कहानी 11,146 1
फ़ेसबुक पर हाहा ने पछाड़ा lol को 6,122 1
अकेलेपन के सन्नाटे को चीरते 5 सच 2,326 1
फ़ेसबुक छोड़ो, सुख से जियो 1,621 1
टिड्डियों के कुछ रोचक तथ्य 566 1
पैसे वाले अकेले क्यों होते हैं? 1,171 1
टेक्नोलॉजी के मिथ 7,551 1
ठंडक देने वाला एसी कब बन जाता है जानलेवा? 1,985 1
दुनिया की सबसे गर्म जगह 7,928 1
डायबिटीज़ में भारत अव्वल नंबर 1,593 1
झूठ बोले कौआ काटे.. 2,811 1
इस साल विज्ञान की सबसे बड़ी खोज 8,724 1
तेज़ी से पिघल रहा है ग्लेशियर 1,730 0
कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया 31,362 0
झील जहाँ 'दुनिया ख़त्म हो' जाती है ! 9,747 0
ख़तरनाक सुपरबग की सूची जारी 7,262 0
ब्रह्मांड की चौड़ाई - 93 अरब प्रकाशवर्ष 6,775 0
जगदीश चतुर्वेदीः 18 मशीनें आविष्कार करने वाला भारतीय डॉक्टर 1,583 0
वे पक्षी जिन्हें भोजन नहीं साथी चाहिए 2,243 0
Secret World of Primeval Rivers Lies Beneath Greenland Glacier 3,900 0