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टिड्डियों के कुछ रोचक तथ्य

जानते हैं टिड्डियों के बारे में कुछ रोचक तथ्य :-
टिड्डियों को अंग्रेजी में Locusts कहा जाता है।
टिड्डियों की दुनिया भर में 10 हज़ार से ज़्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन भारत में मुख्य तौर से चार प्रजातियां रेगिस्तानी टिड्डा, प्रव्राजक टिड्डा, बम्बई टिड्डा और पेड़ वाला टिड्डा ही पाई जाती है।
जब हरे भरे घास के मैदान में रेगिस्तानी टिड्डे इकठ्ठे होते हैं तो जुंड में भयानक हो जाते हैं, और वे हर भरे घास के मैदान को साफ कर सकते हैं।
इसलिए इन्हें दुनिया का सबसे खतरनाक कीट कहा जाता है।
आसमान में उड़ते टिड्डी दलों में दस अरब टिड्डे तक हो सकते हैं।
एफएओ के मुताबिक एक वर्ग किलोमीटर में फैले दल में करीब 4 करोड़ टिड्डियां होती हैं, जो एक दिन में इतने वज़न का भोजन कर लेती हैं, जितने में 35 हज़ार लोगों का पेट भर सकता है। अगर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 2.3 किग्रा भोजन का औसत लिया जाए।
टिड्डियों का झुंड एक दिन में 13 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से करीब 200 किलोमीटर तक का रास्ता नाप सकते हैं।
टिड्डे इतनी संख्या में पेड़ों पर बैठते हैं कि उनके भार से पेड़ टूट तक सकता है।
टिड्डियां अपने वजन के बराबर भोजन खा जाती है। यानी कम से कम एक से दो ग्राम। Ex. किसी शहर में 10 लाख टिड्डियों ने हमला किया था, यानी इतनी टिड्डियां मिलकर करीब 10,000 किलोग्राम वज़न का भोजन खा जाती हैं।
माना जाता है कि ये टिड्डी दल ईरान के रास्ते पाकिस्तान से होते हुए भारत पहुंचे हैं।
एक मादा टिड्डी अपने जीवन में कम से कम तीन से चार बार अंडे देती है और एक बार में 95 से 158 अंडे तक दे सकती है।
एक टिड्डी का जीवन सामान्यतया तीन से पांच महीने का होता है।
माना जाता है कि टिड्डी दलों की तादाद और हमले बढ़ने का कारण बेमौसमी बारिश रही है।
रासायनिक उपायों में कारबैरिल को टिड्डियों के लिए सबसे असरदार माना जाता है लेकिन इसके छिड़काव से फसलों के लिए उपयोगी कीट भी नष्ट होते हैं।
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