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चूहे बनेंगे सुपर जासूस, पहचानेंगे विस्फोटक

सुपर स्निफर चूहों का प्रयोग अवैध रूप से तस्करी किए जा रहे ड्रग व विस्फोटकों को पहचानने में बेहतर तरीके से किया जा सकेगा
चूहे बनेंगे सुपर जासूस, पहचानेंगे विस्फोटक और ड्रग .सुपर स्निफर चूहों का प्रयोग अवैध रूप से तस्करी किए जा रहे ड्रग व विस्फोटकों को पहचानने में बेहतर तरीके से किया जा सकेगा
विश्व में जानवरों का, खुफिया अभियानों व संदेशवाहक के रूप में प्रयोग हजारों सालों से होता आया है। कबूतर और कुत्तों के प्रयोग की कहानियां तो अक्सर आती रहती हैं, पर वैज्ञानिकों ने इस काम के लिए पहले से अधिक सक्षम जीव विकसित करने पर काम कर रहे हैं। दरअसल अमरीकी वैज्ञानिक चूहों की एक ऐसी नस्ल विसित करने पर का काम कर रहे हैं, जिसकी सूंघने की क्षमता सामान्य चूहों से कई गुना ज्यादा होगी।हालांकि चूहे और कुत्तों में अनुवांशिक रूप से ऐसी गंध पहचानने की क्षमता होती है। लेकिन सुपर स्निफर चूहों का प्रयोग अवैध रूप से तस्करी किए जा रहे ड्रग व विस्फोटकों को पहचानने में बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।न्यूयार्क सिटी यूनिवर्सिटी के हंटर कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ फेंसटाइन के अनुसार, उनका इरादा घर से बाहर की सुरक्षा के लिए जानवरों का सही प्रयोग करना है।वैज्ञानिक चूहे की नई नस्ल विकसित करने के लिए उसके जीन में परिवर्तन करेंगे। अभी प्राथमिक स्तर का प्रयोग जैसमिन और पिपरमिंट जैसी गंध को पहचाने पर किया गया है। अगले चरण में ड्रग और विस्फोटक पहचानने का परीक्षण किया जाएगा। बता दें कि कई अफ्रीकी देशों में पहले से ही बारूदी सुरंगें पहचानने में चूहों का प्रयोग किया जाता है।हंटर कॉलेज के प्रोफेसर और प्रमुख रिसर्चर डॉ. शॉरलोट कहते हैं, हम सब एक विस्फोटक पहचानने वाला चूहा विकसित करना चाहते हैं। जिसका प्रयोग कोकीन जैसे ड्रग को भी पकडऩे में किया जाएगा।