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कौन है धरती की 'जुड़वां' बहन?
अमरीकी खगोलशास्त्रियों ने अंतरिक्ष की अतल गहराइयों में से आठ नए ऐसे ग्रह खोजे हैं, जो पृथ्वी से मिलते-जुलते हैं.
खगोलविदों के मुताबिक़ इन आठ में से एक 'पृथ्वी से सबसे ज़्यादा मिलता-जुलता' ग्रह है.
सभी ग्रहों का पता लगाया है नासा की केपलर अंतरिक्ष दूरबीन ने.
अमरीकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की बैठक में ये दिलचस्प जानकारियां सामने आईं.
'जुड़वां' धरती
खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक़ आठ में से केवल तीन ग्रह अपने परिचारक तारे के आवासीय क्षेत्र के भीतर हैं और इनमें से केवल एक हमारी पृथ्वी की तरह चट्टानी और थोड़ा गर्म है.
पृथ्वी से सबसे ज़्यादा मिलते-जुलते इस 'ग्रह' को वैज्ञानिक भाषा में 'केपलर 438b' नाम दिया गया है.
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इसके पहले 'केपलर 186f' की खोज हुई थी, जिसे पृथ्वी जैसा ग्रह और पृथ्वी का जुड़वां ग्रह कहा गया था.
अब केपलर 438b को पृथ्वी के ज़्यादा क़रीब माना जा रहा है.
जो पृथ्वी से आकार में 12 फ़ीसदी अधिक बड़ा है और केपलर186f से लंबा-चौड़ा है.
क्या अंतरिक्ष से धरती पर आया सोना?
केपलर 438b का तापमान हमारी धरती के तापमान से ज़्यादा मिलता है.
अधिक लाल
संभवतः हमारी धरती सूरज से जितनी ऊर्जा लेती है उसकी तुलना में केपलर 438b अपने तारे से 40 फ़ीसदी अधिक ऊर्जा लेता है.
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तो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सेती (सर्च फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलीजेंस) के डॉक्टर डोग काल्डवेल के शब्दों में उसकी सतह पृथ्वी से ज़्यादा गरम तो होगी पर उस पर खड़ा हुआ जा सकता है.
साथ ही कोल्डवेल कहते हैं कि ये ग्रह ज़्यादा ठंडे तारे (रेड ड्वार्फ़) के चारों ओर चक्कर काटता है इसलिए हमारी धरती से अधिक लाल दिखाई देगा.
जीवन की संभावना
खगोलविदों के अनुसार इन ग्रहों पर पानी का समंदर होने की संभावना है.
समंदर के अलावा ऐसी कई स्थितियां भी हो सकती हैं जो वहां जीवन के पनपने में सहायक हों.
वैज्ञानिकों के अनुसार कुछ ग्रह पृथ्वी से काफ़ी बड़े हैं और वहां तापमान न तो अधिक है और न बहुत कम.
फिलहाल पक्के तौर पर किसी ग्रह के बारे में यह नहीं कहा जा सकता कि वहां जीवन संभव है.