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सांस लेने के आकृति को शाब्दिक रूप देने की डिवाइस
क्या कभी आपने सोचा भी होगा कि आपके सांस लेने के आकृति को शाब्दिक रूप भी दिया जा सकता है? नहीं न! पर अब ये सोच, साकार रूप ले चुकी है।
दरअसल कुछ वैज्ञानिकों ने, जिनमें एक भारतीय मूल का डॉक्टर भी शामिल है, एक नई डिवाइस विकसित की है, जो हजार से भी ज्यादा लकवा पीड़ितों को शब्द है, इसके लिए यह डिवाइस उनके ब्रीदिंग पैटर्न (सांस लेने की आकृति) का विश्लेषण और व्याख्या करती है।
सांस लेने की आकृति में होने वाले बदलावों का मूलरूप से विश्लेषण किया जाता है और फिर 'ब्रेथ सिग्नल्स' को शब्दों में बदला जाता है। इसके लिए पैटर्न रीकग्निशन सॉफ्टवेयर और एक एनालॉग-टू-डिजिटल कन्वर्टर का इस्तेमाल किया जाता है।
एक स्पीच सिंथसाइजर फिर शब्दों को जोर से पढ़ता है। रिसर्चर्स का कहना है कि यह डिवाइस गंभीर लकवा से पीड़ित और बोल न पाने वाले मिलियन्स लोगों की जिंदगी को बदल सकता है।