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गुलाब के औषधीय गुण

गुलाब की सेवन की जाने वाली मात्रा :
• फूल का काढ़ा 25 से 50 मिलीलीटर।
• गुलकंद 10-30 ग्राम।
• गुलाब के फूलों का रस 20-40 ग्राम।
• गुलाब के ताजे फूल 10 ग्राम से 30 ग्राम तक।
• शुष्क फूलों का चूर्ण 3 से 6 ग्राम।
गुलाब के औषधीय गुण
★ गुलाब का फूल जितना दिखने में सुन्दर होता है उसमें उतना ही औषधीय गुण पाए जाते हैं।
★ आयुर्वेदिक मतानुसार गुलाब के रस का स्वाद तीखा, चिकना, कषैला और मीठा होता है।
★ गुलाब का उपयोग करने से दिल, दिमाग और आमाशय की शक्ति में वृद्धि होती है जिसके फलस्वरूप इनकी क्रिया भी ठीक प्रकार से होने लगती है।
★ गर्मी से होने वाले उन्माद रोग को ठीक करने के लिए गुलाब का उपयोग करना लाभदायक होता है। यह मन के प्रसन्न करता है तथा पाचन शक्ति की क्रिया को ठीक करता है।
★ यह वात-पित्त को नष्ट करता है।
★ यह शरीर की जलन, अधिक प्यास तथा कब्ज को भी नष्ट कर सकता है।
★ गुलाब में विटामिन सी की बहुत अधिक मात्रा पाई जाती है। गर्मी के मौसम में इसके फूलों को पीसकर शर्बत में मिलाकर पीना लाभकारी होता है तथा इसको पीने से हृदय व मस्तिष्क को शक्ति मिलती है।
★ गुलाब का सेवन करने से चेहरे पर चमक आ जाती है तथा शरीर का खून साफ हो जाता है।
थकावट: थकान को दूर करने के लिए 4 चम्मच गुलाबजल में 1 बूंद चंदन का तेल मिलाकर इससे शरीर की मालिश करें लाभ मिलेगा।
२. हाथ-पैरों की जलन:
• गर्मी के कारण हाथ-पैरों में जलन, पेट में गड़बड़ी, एसीडिटी आदि समस्यां हो तो गुलाब का शर्बत बनाकर पीएं इससे लाभ मिलेगा।
• गुलाब जल के फयडे –हथेली और तलुवों में जलन हो तो चंदन पावडर और गुलाबजल मिलाकर इससे हथेली और तलुवों पर लेप करें।
३. पायरिया:
• गुलाबी रंग का गुलाब फूल खाने से मसूढ़े मजबूत होते हैं। मसूढ़ों से खून और मवाद आना भी बंद हो जाता है तथा पायरिया भी ठीक हो जाता है।गुलाब जल के फयडे इन हिन्दी
• गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां चबाकर खाते रहने से मसूड़े और दांत मजबूत होते हैं। इसके सेवन करने से मुंह की बदबू दूर होकर पायरिया की बीमारी ठीक हो जाती है।
४. लू (गर्मी):
• 1 गिलास ठंडे पानी में 1 चम्मच गुलाबजल मिलाकर उसमें कपड़ा भिगों दें और इसे निचोड़कर सिर पर रखें इससे लू का प्रकोप शांत हो जाता है।
• गुलकंद बेनिफिट्स इन हिन्दी :गुलाब के गुलकंद का सेवन करने से पूरे शरीर में ठंडक आ जाती है और लू का प्रकोप भी इससे शांत हो जाता है।
• लू लगने पर गुलकंद और गुलाब का शर्बत पीना चाहिए इससे लाभ मिलेगा।
• गर्मी से बचने के लिए एक 1 गुलाब के शर्बत में 2 चम्मच गुलकंद मिलाकर सुबह भूखे पेट और शाम को सोते समय पीएं इससे लाभ मिलेगा।
५. चेहरे के कील-मुंहासें: गुलाब के गुलकंद का सेवन प्रतिदिन दो बार करने से कील-मुंहासें ठीक हो जाते हैं तथा इसके साथ ही सिर दर्द, यकृत रोग, कोलाइटिस, चिकन पोक्स व अन्य छूत के रोग, गर्भावस्था के समय में कब्ज की समस्यां तथा स्तनों में दूध की कमी आदि प्रकार के कष्ट भी दूर हो जाते हैं।
६. खूनी बवासीर: खूनी बवासीर में गुलाब के 3 ताजा फूलों को मिश्री के साथ मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है।
७. मासिकधर्म में अधिक खून बहना: अगर मासिकधर्म में खून ज्यादा मात्रा में आ रहा हो तो मासिकधर्म शुरू होने से 20 दिन पहले से ही सुबह-शाम 1-1 चम्मच गुलाब का गुलकंद खाने से लाभ मिलता है।
८. अधिक प्यास लगना:– अगर प्यास बहुत लगती हो तो दिन में 2 बार गुलाब का शर्बत पीना चाहिए।
९. होंठों का कालापन:
• गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें थोड़ा सा ग्लिसरीन अच्छी तरह से मिला लें और इसे दिन में 3-4 बार होठों पर लगाएं इससे होंठों का कालापन दूर होता है।
• गुलाब के एक फूल को पीसकर उसमें थोड़ी सी मलाई मिला लें, फिर इसे 10 मिनट तक होंठों पर लगायें इसके बाद होंठों को धो दें। कुछ दिनों तक इस प्रकार से उपचार करने पर होंठों का कालापन दूर हो जाएगा।
• गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें थोड़ी सी ग्लिसरीन मिला लें। इस मिश्रण को रोजाना होठों पर लगाने से होठ सुन्दर बनते हैं और होंठों का कालापन भी दूर हो जाता है।
१०. मुंह के छाले:
• गुलाब के फूलों का काढ़ा बनाकर उससे कई बार गरारा करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
• गुलाब के 2 फूलों को पानी में उबालें और इस पानी से कुल्ला करें। इस प्रकार से उपचार कुछ दिनों तक करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
• गुलाब के पत्तों को चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
• मुंह में छाले हो तो गुलाबजल से कुल्ला करें अथवा गुलाब के 2 फूल को 1 गिलास पानी में उबालें और इस पानी को ठण्डा करके इससे कुल्ला करें इससे लाभ मिलेगा।
• पेट की गर्मी के कारण से मुंह में छाले हो जाए तो गुलाब के सूखे फूलों को रात के समय में 1 गिलास पानी में भिगने के लिए रख दें और सुबह इसे मसलकर छान लें, फिर इस पानी में 2 चम्मच चीनी मिलाकर पीयें। इस प्रकार से उपचार करने से पेट की गर्मी दूर होती है जिसके फलस्वरूप मुंह के छाले भी ठीक हो जाते हैं।
• गुलाब की 10 पंखुड़ी, 3 इलायची, 5 कालीमिर्च तथा 10 ग्राम मिश्री को एक साथ पीसकर एक कप पानी में मिलाकर रखें और 4-4 घंटों के बाद इस पानी को पीएं इससे मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।
११. कान का दर्द: गुलाब के फूलों का निकाला हुआ ताजा रस कानों में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
१२. होंठों का फटना: गुलाब के एक फूल को पीसकर उसमें थोड़ी सी मलाई मिलाकर इससे होठों पर लेप करें। आधे घंटे के बाद इसे धो लें। कुछ ही दिनों तक यह लगाने से होंठ फटेंगे नहीं और होंठों का रंग बिल्कुल गुलाब जैसा लाल हो जायेगा।
१३. दाद:
• नींबू का रस तथा गुलाब का रस बराबर मात्रा में लेकर मिला लें। इस रस को प्रतिदिन दाद पर लगाएं इससे लाभ मिलेगा।
• 50 ग्राम गुलाबजल में 1 नींबू का रस मिलाकर रोजाना 3 बार दाद पर लगाऐं इससे दाद ठीक हो जाता है।
• दाद और मुंहासों पर गुलाब का रस लगाएं तथा 1-1 चम्मच दिन 3 बार इसे पीएं इससे दाद ठीक हो जाता है।
१४. आंखों के रोग:
• गुलाब का रस 2-2 बूंद सुबह-शाम आंखों में डालने से आंखों के रोग ठीक हो जाते हैं।
• गुलाबजल आंखों में डालने से आंखों की जलन और किरकिरापन दूर हो जाता है।
• 50 ग्राम गुलाब जल में 1 ग्राम फिटकरी डालकर 1 से 2 बून्दे रोजाना 2 से 3 बार आंखों में डालने से आंखों के कई प्रकार के रोग जैसे- आंखें लाल होना, आंखों में कीचड़ जमना, आंखों में जलन होना आदि रोग ठीक हो जाते हैं।
१५. अतिसार (दस्त):
• 10 ग्राम गुलाब के फूल और 5 ग्राम मिश्री को मिलाकर दिन में 3 बार खाएं इससे लाभ मिलेगा।
• अतिसार (दस्त) होने की स्थिति में गुलाब के फूलों के बीच लगने वाले छोटे-छोटे दाने जिसे जीरा कहते हैं उसे दिन में 3 बार 1 ग्राम की मात्रा में सेवन करें।
१६. श्वेतप्रदर:
• 2 चम्मच शुष्क गुलाब के फूलों का चूर्ण और 1 चम्मच मिश्री को एक साथ मिलाकर दूध के साथ रोजाना सुबह-शाम सेवन करें तथा गुलाब के ताजे पिसे हुए फूल को सोते समय योनि में रखें इससे श्वेत प्रदर में जल्दी लाभ मिलेगा।
• गुलाब के फूलों को छाया में अच्छी तरह से सुखाकर बारीक पीसकर चूर्ण बना लें फिर इसमें से लगभग 3 से 5 ग्राम की मात्रा में एक दिन में सुबह और शाम (दो बार) दूध के साथ सेवन करने से श्वेत प्रदर ठीक हो जाता है।
• श्वेत प्रदर रोग होने के साथ ही पेशाब में जलन हो तो ऐसी स्थिति में उपचार करने के लिए गुलाब के ताजा फूल और 50 ग्राम मिश्री दोनों को पीसकर, आधा गिलास पानी में मिलाकर रोजाना 10 दिनों तक सेवन करें इससे लाभ मिलेगा।
• श्वेत प्रदर रोग में गुलाब के 10 ग्राम पत्तों को पीसकर मिश्री में मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें।
• 50 ग्राम गुलाब के फूलों की कोमल पंखुड़ियों में मिश्री मिलाकर खाने तथा इसके बाद दूध पीने से श्वेत प्रदर रोग में फायदा मिलता है।
१७. प्रदर रोग: गुलाब के ताजे फल में 50 ग्राम मिश्री पीसकर इसे आधा गिलास पानी में मिला लें और फिर इसे पी लें। इस प्रकार से सुबह और शाम रोजाना 10 दिनों तक इस प्रकार से उपचार करने पर प्रदर रोग ठीक हो जाता है।
१८. पेट के रोग:
• गुलकंद बेनिफिट्स इन हिन्दी: भोजन करने के बाद 2 चम्मच गुलकंद को रोजाना 2 बार खोन से पेट के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
• गुलाब 5 ग्राम की मात्रा में तथा मुलहठी 5 ग्राम की मात्रा में लेकर, इसे 500 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें फिर इसमें से 100 मिलीलीटर काढ़ा पीएं। सुबह-शाम इसका सेवन करें इससे कब्ज तथा पेट के कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं।
• सौंफ का रस, पुदीने के रस तथा गुलाब के रस को मिला लें और इसमें से 4-4 बूंदों को पानी में मिलाकर सेवन करें इससे पेट के कई रोग ठीक हो जाएंगे।
१९. खुजली: चमेली का तेल, नींबू का रस और गुलाब का रस बराबर मात्रा में मिलाकर जहां पर खुजली हो वहां पर इसे लगाएं इससे खुजली दूर हो जाती है।