मखाना खाने के जादुई प्रभाव
Submitted by hayatbar on 21 August 2019 - 1:41pm"मखाना" संस्कृत के दो शब्द मख व अन्न से बना है। मख का मतलब यज्ञ होता है। अर्थात यज्ञ में प्रयुक्त होने वाला अन्न। जीवन काल से लेकर मृत्यु के बाद भी मखाना मिथिलांचल वासियों से जुड़ा रहता है। मखाने की खेती पूरे मिथिलांचल में होती है। दरभंगा में उत्पन्न होने वाला मखाना उत्तम कोटि का माना जाता है। मखाने कमल के बीजों की लाही है। मखाना को देवताओं का भोजन कहा गया। पूजा एवं हवन में भी यह काम आता है। इसे आर्गेनिक हर्बल भी कहते हैं। क्योंकि यह बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशी के उपयोग के उगाया जाता है। आचार्य भावमिश्र (1500-1600) द्वारा रचित भाव प्रकाश निघंटु में इसे पद्मबीजाभ एवं पानीय फल कहा गया Read More : मखाना खाने के जादुई प्रभाव about मखाना खाने के जादुई प्रभाव