आज्ञा चक्र ओशो

ओशो – चक्र और नींद

चक्र और नींद

चक्र और नींद 
जो व्यक्ति मूलाधार चक्र पर केंद्रित है उसकी नींद गहरी न होगी। उसकी नींद उथली होगी क्योंकि यह दैहिक तल पर जीता है। भौतिक स्तर पर जीता है। मैं इन चक्रों कि व्याख्या इस प्रकार भी कर सकता हूं।

प्रथम, भौतिक—मूलाधार।

दूसरा, प्राणाधार—स्वाधिष्ठान।

तीसरा, काम या विद्युत केंद्र—मणिपूर।

चौथा, नैतिक अथवा सौंदयपरक—अनाहत।

पांचवां, धार्मिक—विशुद्ध।

छठा, आध्यात्मिक—आज्ञा।

सातवां, दिव्य—सहस्त्रार।