ओशो – पहले विचार फिर निर्विचार !
Submitted by Anand on 19 July 2019 - 1:04pmमनुष्य को समझने के लिए सबसे पहला तथ्य यह समझ लेना जरुरी है कि मनुष्य के जीवन में जो चीजें सहयोगी होती हैं ,
एक सीमा पर जाकर वे ही चीजें बाधक हो जाती हैं । अगर कोई
आदमी सोचे भी , विचार भी करे , तो भी इस महत्वपूर्ण तथ्य का
एकदम से दर्शन नहीं होता है ।
क्योंकि हम सोचते हैं , जो सहायक है , वह कभी बाधक नहीं होगा । लेकिन हर सहायक चीज एक सीमा पर बाधक हो जाती है
अगर कोई आदमी किसी मकान की सीढ़ियां चढ़ता हो , सीढियां बिना चढे़ वह मकान के ऊपर नहीं पहुंच सकता । Read More : ओशो – पहले विचार फिर निर्विचार ! about ओशो – पहले विचार फिर निर्विचार !