कब्ज की दवा

 मौसमी, संतरा, नाशपाती, तरबूज, खरबूजा, आड़ू, अन्ननास, कीनू, सरदा, आम, शरीफा, अमरूद, पपीता व रसभरी, थोड़ा-बहुत अनार। यानी मुख्य रूप से रेशेदार फल ही लें। 

सब्जियां - रसे वाले या दूसरी सब्जियों में मिलाकर बनाए गए आलू, बंदगोभी, फूलगोभी, मटर, सभी प्रकार की फलियां, शिमला मिर्च, तोरी, टिंडा, लौकी, परमल, गाजर, थोड़ी बहुत मेथी, मूली, खीरा , ककड़ी, कद्दू- पेठा, पालक, नींबू व सरसों। कब्ज के लिए बथुआ खास तौर पर अच्छा होता है। 

दालें - उड़द की छोड़कर सभी साबुत यानी छिलके वाली दालें। 

अनाज- रोटी बनाने के लिए गेंहूं के आटे में काले चने का आटा या चोकर मिलाकर आटा गूंदें। पांच किलोग्राम आटे में में ढाई सौ ग्राम चोकर मिला लें। 

चावल कम खाएं। 

क्रीम निकला हुआ यानी टोंड दूध ही पीएं। 
कोल्ड ड्रिंक के रूप में शर्बत, शिकंजी, नींबू पानी या लस्सी को प्राथमिकता दें। 

जमकर पानी पिएं। 

परहेज करें 

फल- चीकू, केला, सेब, अंगूर, शरीफा, लीची। 

सब्जियां -अरबी, भिंडी, कचालू, रतालू, बैंगन, जिमीकंद, चुकंदर। 

दालें -राजमा, सफेद छोले, साबुत उड़द, चने, सोयाबीन, लोबिया (खास तौर पर रात के वक्त इन्हें खाने से परहेज करें) 

मीट, अंडा व मछली कब्ज करती हैं। इन्हें दूसरी सब्जियों के साथ मिलाकर खाएं। 

जूस के बजाय साबुत फल खाएं। 

पनीर, मक्खन व घी से बचें। पनीर को पालक के साथ खा सकते हैं। 

मलाई वाला दूध। 

ध्यान दें 
फास्ट फूड, जंक फूड यानी मैदे आदि से बनी चीजों से परहेज करें। 

कब्‍ज के उपचार के घरेलू उपाय

कब्‍ज के उपचार के घरेलू उपाय

अक़सर आपका पेट ठीक तरह से साफ नहीं होता है तो इसका मतलब कब्ज हो सकता है और आपके शरीर में तरल पदार्थ की कमी है। कब्ज के दौरान आप खुद में तरोजाता महसूस नहीं कर पाते। कब्ज का यदि ठीक समय पर इलाज न कराया जाए तो ये एक भयंकर बीमारी का रूप ले सकता है। कब्ज होने पर व्यक्ति को पेट संबंधी दिक्कूते जैसे पेट दर्द होना, ठीक से फ्रेश होने में दिक्कत होना, शरीर का मल पूरी तरह से न निकलना इत्यांदि होती हैं। कब्ज के लिए प्रभावी प्राकृतिक उपचार तो मौजूद है ही साथ ही आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से भी कब्ज को दूर किया जा सकता है। आइए जानें कब्ज के लिए कौन-कौन से आयुर्वेदिक उपचार मौजूद हैं। Read More : कब्‍ज के उपचार के घरेलू उपाय about कब्‍ज के उपचार के घरेलू उपाय