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गमले में लगाई जाने वाली सब्जियों के लिए खाद व मिट्टी कैसे तैयार करते हैं?

गमले में कुछ भी उगाना हो दो बातें विशेष ध्यान देने योग्य होती हैं ; एक तो यह कि गमला बहुत छोटा न हो ( कम से कम साईज़ 12 इंच हो) तथा दूसरी बात यह कि उसमें पर्याप्त ड्रेनेज होल हों। पानी तो ठहरना ही नहीं चाहिए गमले में। गमले में भरने के लिए नारियल का छिलका ( जटाएँ) , लकड़ी का बुरादा , कोकोपीट, लकड़ी का कोयला , थर्मोकूल के टुकड़े, ईंट का मोटा चूरा, साधारण मिट्टी, रेत ( बालू),गोबर की खाद ( या पत्तों कि खाद अथवा केंचुआ खाद ) , कोई अच्छा फंगीसाइड पाउडर , नीम कि खली , जिप्सम ( पी ओ पी पाउडर ) इत्यादि प्रयोग में लाये जा सकते हैं।
गमले में सबसे नीचे नारीयल के बाल बिछा दीजिये ताकि ड्रेनेज होल से मिट्टी बाहर न निकले केवल पानी बाहर जा सके । अब उसके ऊपर एक परत ( 1या 2 इंच मोटी) लकड़ी का कोयला बिछा दीजिये। कोयला न हो तो ईंट का चूरा लगभग पौन इंच की परत बिछाईए।कुछ न हो तो गमले में सबसे नीचे थर्मोकूल के छोटे-छोटे टुकड़े डाले जा सकते हैं।
साधारण मिट्टी जिसमे कंकड़ पत्थर न हों को आधा भाग , ( 50%) लेकर उसके आधे भाग (25%) रेत के साथ मिला लीजिये। अब बाकी बचे 25 % में कोकोपीट या लकड़ी का बुरादा तथा गोबर की खाद ( या केंचुआ अथवा पत्तियों की खाद ) आधे-आधे मिलाकर सब सामग्री को एक साथ मिलाकर उसपर दो मुट्ठी जिप्सप्म पाउडर, तथा एक चम्मच फंगीसाईड पाउडर छिड़क दीजिये। यदि उपलब्ध हो तो दो मुट्ठी नीम खली मिला दें।
अब पूरे मिश्रण को ठीक प्रकार से मिक्स करके गमले में भर दीजिये। आपका गमला एक सीजन के लिए तैयार है, हर 15 दिन बाद ऊपर की 2 इंच मिट्टी निकालकर गोबर की खाद के साथ मिलाकर गमले में भरने से मिट्टी की उत्पादकता बनी रहेगी।