गिलकी की खेती कैसे करे

ऐसे करें करेले की खेती

ऐसे करें करेले की खेती

करेला की उन्नत खेती, करेले की लता है जिसके फूलों की सब्जी बनती है। इसका स्वाद कड़वा होता है।करेला कड़वे स्वादवाला प्रसिद्ध भारतीय फल शाक है, जिसके फल का तरकारी के रूप में पत्रशाक अथवा पत्रस्वरस का चिकित्सा में प्रयोग होता है। करेला लता जाति की स्वयंजात और कषि जन्य वनस्पति है। इसे कारवेल्लक, कारवेल्लिका, करेल, करेली तथा काँरले आदि नामों से भी जाना जाता है। करेले की आरोही अथवा विसर्पी कोमल लताएँ, झाड़ियों और बाड़ों पर स्वयंजात अथवा खेतों में बोई हुई पाई जाती है। इनकी पत्तियाँ ५-७ खंडों में विभक्त, तंतु (ट्रेंड्रिल, tendril) अविभक्त, पुष्प पीले और फल उन्नत मुलिकावाले (ट्यूबर्क Read More : ऐसे करें करेले की खेती about ऐसे करें करेले की खेती

भिन्डी की खेती

खेत की तैयारी : भिंडी की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में हो जाती है। भिंडी की खेती के लिए खेत को दो-तीन बार जुताई कर भुरभुरा कर और पाटा चलाकर समतल कर लेना चाहिए।

उन्नत किस्में : अर्का अभय, अर्का अनामिका, परभनी क्रांति, पूसा-ए, वर्षा उपहार।

बीज एवं बीजोपचार : ग्रीष्मकालीन फसल के लिए 18-20 किग्रा बीज एक हेक्टयर बुवाई के लिए पर्याप्त होता है, ग्रीष्मकालीन भिंडी के बीजों को बुवाई के पहले 12-24 घंटे तक पानी में डुबाकर रखने से अच्छा अंकुरण होता है। बुवाई से पहले भिंडी के बीजों को तीन ग्राम थायरम या कार्बेन्डाजिम प्रति किलो बीजदर से उपचारित करना चाहिए।

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