कपालभाति प्राणायाम नहीं बल्कि षट्कर्म का अभ्यास है।
Submitted by Anand on 19 August 2019 - 12:22pmकपालभाति प्राणायाम नहीं बल्कि षट्कर्म का अभ्यास है। इसके लिए पालथी लगाकर सीधे बैठें, आंखें बंदकर हाथों को ज्ञान मुद्रा में रख लें। ध्यान को सांस पर लाकर सांस की गति को अनुभव करें और अब इस क्रिया को शुरू करें। इसके लिए पेट के निचले हिस्से को अंदर की ओर खींचे व नाक से सांस को बल के साथ बाहर फेंके। यह प्रक्रिया बार-बार इसी प्रकार तब तक करते जाएं जब तक थकान न लगे। फिर पूरी सांस बाहर निकाल दें और सांस को सामान्य करके आराम से बैठ जाएं। Read More : कपालभाति प्राणायाम नहीं बल्कि षट्कर्म का अभ्यास है। about कपालभाति प्राणायाम नहीं बल्कि षट्कर्म का अभ्यास है।