भ्रामरी प्राणयाम करने का तरीका
Submitted by Anand on 18 July 2019 - 1:05pmश्वांस को लम्बा गहरा फफड़ों में भरते हुये, दोनों कानों में अंगुलियां डालकर कानों को बन्द कर देंगे, बाहर की कोई भी ध्वनि सुनाई ना दे। अब मुहं व होठों का बन्द करके जीभ को ऊपर तालु पर लगा देंगे। ओउम का दीर्घ गुंजन, भौरें के उड़ते समय की ध्वनि की तरह करेंगे, जिसमें श्वांस नासिका से गुंजन के साथ बाहर निकलेगा और पूरे मस्तिष्क में कम्पन्न होगा। यह प्राणायाम करते समय अपना ध्यान आज्ञा चक्र भृकुटिद् पर केन्द्रित करेंगे। इस प्रकार 5 से 7 बार दोहरायेंगे। मन एकाग्र होता है, याददाश्त तेज होती है। मानसिक तनाव, उच्चरक्तचाप, हृदयरोग, उत्तेजना में लाभप्रद। Read More : भ्रामरी प्राणयाम करने का तरीका about भ्रामरी प्राणयाम करने का तरीका