व्यक्तित्व के विकास में योग का योगदान

व्यक्तित्व विकास में योग का महत्व–––
आज 21 जून को,पूरी दुनिया में योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। योग की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र कुमार मोदी ने 21 जून को योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा तो 177 देशों ने तुरंत समर्थन दिया
योग लगभग पांच हजार साल पुराना गूढ़ विज्ञान है।महर्षि पतंजलि ने योग की लिखित रचना की। वैसे तो योग का वेद,पुराणों में उल्लेख मिलता है जो इस समयावधि से कहीं अधिक प्राचीन है।योग का ज्ञान गुरुशिष्य परम्परा से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होता रहा। उपनिषद,वेद,पुराण,भगवद गीता,शिव संहिता,हठयोगप्रदीपिका,योग दर्शन आदि कई ग्रंथों में योग विद्या का उल्लेख मिलता है। सभी को आधार बनाकर महर्षि पतंजलि ने योग दर्शन के मूल ग्रन्थ (योग सूत्र)की रचना की।
योग केवल रोगों को दूर करने की प्रक्रिया नहीं है,योग का काम शरीर के रोगों को दूर कर,मन को शांत तथा पवित्र बना कर आत्मा का परमात्मा से सम्बन्ध बनाना है। योग के दो अर्थ हैं-प्रथम जोड़ना दूसरा समाधि जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ते समाधि तक पहुँचना असम्भव होगा। मन को बुद्धि से तथा बुद्धि को मन से जोड़ता है योग। मनुष्य के भीतर जो भी उथलपुथल है,बिखरा हुआ है उसे अंतर्मन से जोड़ता है योग। योग के चमत्कारिक फायदों के कारण आज पूरा विश्व योग की ओर आकर्षित हो रहा है। भला शारीरिक स्वास्थ्य तथा मानसिक शान्ति वो भी बिना दवाओं के प्रयोग के किसे नहीं आकर्षित करेगी।
योग केवल जिम किया जाने वाला व्यायाम नहीं है इसे अपनी दैनिक जीवन शैली बनाएं,तभी योग दिवस सार्थक होगा।योग किसी धर्म विशेष या देश के लिए नहीं है यह तो सभी के लिए है जो स्वयं को स्वस्थ रखना चाहे।
ये तो सभी जानते हैं योग शरीर को स्वस्थ,लचीला तथा मजबूत बनता है।एक रिसर्च में पाया कि योग करने से ब्रेन का(गाबा केमिकल)एक रसायन का स्तर बढ़ जाता है जिससे ब्रेन को नर्व एक्टिविटी रेगुलेट करने में आसानी होती है। ये रसायन लोगों के मूड और ए्न्गजाइटी डिसऑर्डर के कारण कम होने लगता है। ऐसे में दवाएं लेने से बेहतर है योग की शरण में जाएँ ,जिससे तनाव दूर होकर मूड भी अच्छा होगा।
योग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका कोई नुकसान नहीं है प्राकृतिक चिकित्सा में योग का मुख्य स्थान है। यह हमें प्रकृति से जोड़ती है। योग से कई असाध्य रोगों को दूर किया जा सकता है। योग से रक्तचाप,तनाव,मोटापा,कोलेस्ट्रोल आदि पर नियन्त्रण होता है,जो कि बड़ी बीमारियों के मुख्य कारण हैं। रक्त संचार ठीक रहता है। इसका प्रभाव तन पर ही नहीं मन पर भी पड़ता है। मन शांत रहता है। जिससे चेहरे पर भी तेज तथा सुन्दरता में वृद्धि होती है।
आजकल की बिगड़ी लाइफस्टाइल शारीरिक तथा मानसिक बिमारियों का कारण बन रही है। मधुमेह,रक्तचाप,अस्थमा,गठिया,ह्रदयघात जैसी बीमारी आम होती जा रही है।योग से अधिकतर बिमारियों को ख़त्म किया जा सकता है। योग किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में सीख कर ही करें। गलत तरीके से किये गये योग से कोई लाभ नहीं मिल पाता,और मन का विश्वास हटने लगता है। सही तरीके से किया गया योग ,विश्वास कीजिये सकारात्मक असर दिखाकर जिंदगी में बदलाव महसूस होगा।
योग श्वसन क्रिया को नियंत्रित कर तन और मन में सामंजस्य बनाए रखता है। इसलिए योग को अपने दैनिक जीवन में अवश्य शामिल करें।
योग इतना विस्तृत है कि उसे कुछ शब्दों में बांधना मुश्किल है 

दैनिक जीवन में योग के लाभ

वजन में कमी,एक मजबूत एवं लचीला शरीर, सुन्दर चमकती त्वचा, शांतिपूर्ण मन, अच्छा स्वास्थ्य-जो आप चाहते हैं, योग आपको देता है। योग को केवल कुछ आसनो द्वारा आंशिक रूप से समझा जाता हैं परंतु इसके लाभ का आंकलन केवल शरीर स्तर पर समझा जाता हैं। हम ये जानने में असफल रहते हैं कि योग हमें शारीरिक, मानसिक रूप से तथा श्वसन में लाभ देता हैं। जब आप सुन्दर विचारो के संग होते हैं तो जीवन यात्रा शांति, ख़ुशी और अधिक ऊर्जा से भरी होती हैं।
हम योगाभ्यास के 10 लाभ की जानकारी दे रहे हैं।
1.संपूर्ण स्वास्थ 
2.वजन में कमी 
3.चिंता से राहत 
4.अंतस की शांति 
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