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लिंग की बनावट

पुरूष अपने शिश्न या लिंग के द्वारा शुक्राणु को स्त्री के योनि में डालता है। लिंग की लम्बाई 7.5 सेटीमीटर से लेकर 10 सेंटीमीटर तथा इसकी चौड़ाई 2.5 सेंटीमीटर होती है। पुरुष के लिगं के मध्य में एक नलिका होती है। इस नली को मूत्र नलिका कहते है lund ko bada kaise kare,जो इसमें से होती हुई मूत्राशय की थैली तक जाती है। इसी नलिका द्वारा मूत्र और वीर्य की निकासी होती है। पुरूषों के लिंग में तीन मांसपेशियां होती है। दाहिनी व बांई कोरपस कैवरनोसम तथा बीच में कोरपस स्पैनजीऔसम। इन मांसपेशियों में रक्त की नलिकांए होती है। पुरूष लिंग की कठोरता के समय इन मांसपेशियों से अधिक रक्त का संचार होता है व इसके कारण लिंग की लम्बाई 10-15 सेमी और चौड़ाई 3.5 सेमी के लगभग हो जाती है। लिंग की सुपारी की त्वचा आसानी से ऊपर-नीचे खिसक सकती है तथा कठोरता के समय लिंग को चौड़ाई मे बढ़ने के लिए स्थान भी देती है। लिंग के अगले भाग को ग्लैस कहते है जो काफी संचेतना पूर्ण होता है।
1. डंडा– शिश्न का लम्बा वाला हिस्सा
2. मुंड- शिश्न का सर
3. लिंग के ऊपर की त्वचा, अगर खतना नहीं हुआ हो तो-डंडे की ऊपर वाली चमड़ी
4. मूत्रमार्ग का खुलाव- जहाँ से मूत्र निकलता है
लिंग बड़ा और छोटा इसलिए हो सकता है क्योंकि यह एरेक्टाइल टिशुओं से बना है – अंदर से यह स्पंज की तरह होता है, जो खून से भर कर सख़्त हो सकता है।
संभोग करने के लिए लिंग का छोटा या बड़ा होना ज्यादा मायने नहीं रखता है।