प्राणायाम की उपयोगिता

सब रोगों की प्राणायाम

प्राणायाम

प्राणायाम दो शब्दों के योग से बना है-(प्राण+आयाम) पहला शब्द "प्राण" है दूसरा "आयाम"। प्राण का अर्थ जो हमें शक्ति देता है या बल देता है। सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने वाले डॉक्टर अब प्राणायाम, योग, ध्यान करके खुद भी स्वस्थ बनाने में जुट गए हैं। योग-प्रक्रियाओं के अन्तर्गत प्राणायाम का एक अतिविशिष्ट महत्त्व है। पतंजलि ऋषि ने मनुष्य-मात्र के कल्याण हेतु अष्टांग योग की विधान किया है। प्रकृति का नियम है कि प्रत्येक चल वस्तु, प्रत्येक क्रियाशील जड़ या चेतन में समय समय पर कुछ न कुछ खराबी निरंतर कार्य करने के कारण आ जाती है। मनुष्य का शरीर इसका अपवाद नही Read More : सब रोगों की प्राणायाम about सब रोगों की प्राणायाम

प्राणायाम से दूर होते हैं ये रोग

प्राणायाम से दूर

 चरक ने वायु को मन का नियंता एवं प्रणेता माना है। आयुर्वेद अनुसार काया में उत्पन्न होने वाली वायु है उसके आयाम अर्थात निरोध करने को प्राणायाम कहते हैं। आओ जानते हैं कैसे करें प्राणायाम और कौन-सा रोग मिटेगा प्राणायाम से...

प्राणायाम के पांच फायदे जानना जरूरी

प्राणायाम की शुरुआत : प्राणायाम करते समय 3 क्रियाएं करते हैं- 1.पूरक, 2.कुंभक और 3.रेचक। इसे ही हठयोगी अभ्यांतर वृत्ति, स्तम्भ वृत्ति और बाह्य वृत्ति कहते हैं। Read More : प्राणायाम से दूर होते हैं ये रोग about प्राणायाम से दूर होते हैं ये रोग

श्वास सजगता : प्राणायाम पूर्वतयारी

श्वसन ही शरिरात जन्मापासून मृत्यूपर्यंत अखंड सुरू असलेली क्रिया आहे. या क्रियेतील श्वास किंवा पूरकाच्या द्वारे हवेतील प्राणवायूच्या स्वरूपात शरिराला उर्जेचा पुरवठा होतो आणि प्रश्वास किंवा रेचकाद्वारे शरिरातील सूक्ष्म मळ असलेल्या रक्तातील कर्बाम्लवायूचे निष्कासन होते.
वातावरणातील हवा शरिरातील श्वसन यंत्रात प्रवेश करण्यासाठी श्वासनलिकेतला हवेचा दाब (758 mm hg) वातावरणातल्या हवेच्या दाबापेक्षा (760mm hg) कमी असतो, त्यामुळे हवा जास्त दाबाकडून कमी दाबाकडे या नियमाप्रमाणे वातावरणातून श्वासनलिकेत प्रवेश करते.
श्वसन प्रक्रिया
Read More : श्वास सजगता : प्राणायाम पूर्वतयारी about श्वास सजगता : प्राणायाम पूर्वतयारी

Language: