जीवामृत निर्माण में सभी अवयवों गोबर, गौमूत्र, दाल का आटा और मिट्टी का क्या रोल है?

गोबर में कई प्रकार के लाभदायक सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं जो कार्बनिक पदार्थ को विघटित करने में सहयोगी हैं. इसी प्रकार मिट्टी में भी लाभदायक सूक्ष्मजीव होते हैं जोकि अपनी विशिष्ट जैव क्रियाशीलता के द्वारा खेतों में उपलब्ध जटिल अवयवों का सरलतम रूप में विघटन करने के लिए आवश्यक हैं ताकि पौधे जड़ों द्वारा अवशोषण कर सकें. जीवामृत में गोबर और मिट्टी से इन्ही सूक्ष्मजीवों को प्राप्त करके अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान कर गुणन किया जाता है.
सूक्ष्म जीवों का गुणन होने पर उनकी कोशिका निर्माण के लिए नाइट्रोजन या प्रोटीन की आवश्यकता होती है जिस की पूर्ति करने के लिए दालों का आटा प्रयोग किया जाता है. सूक्ष्मजीवों के जीवनचक्र को चलाने के लिए आवश्यक उर्जा की पूर्ति (सूक्ष्मजीवों का भोजन) गुड में उपलब्ध शर्करा से होती है. 
गोमूत्र का प्रयोग अन्य आवश्यक तत्वों की पूर्ति करने के साथ वृद्धि करने हेतु उचित माध्यम के रूप में भी करते हैं.
 

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