पौध संरक्षण

पौध संरक्षण

रासायनिक कीटनाशकों की अपेक्षा जैव कीटनाशकों का प्रयोग करें।

  • कोई भी कीट नाशक प्रयोग करने से पहले कीटों के रोग प्रतिरोधक के अनुपात का पता लगाना चाहिए। समेकित कीट प्रबंधन आधारित कृषि पर्यावरण परिस्थिति (एईएसए) पद्धति विश्लेषण अपनाना चाहिए।
  • मुख्य फसल (अर्न्तफसलीय/बार्डर फसलीय) के आस-पास ऐसी फसलें उगानी चाहिए जो किसान मित्र कीटों को आकर्षित करें जो हानिकारक कीटों से बचाव करें/कीटों को मार दें।
  • गर्मी के मौसम में खेतों की गहरी जुताई करें।
  • फसलों की प्रतिरोधी किस्मों जैसी बीटी कपास आदि का चयन करें एवं फसल चक्र, अन्तःफसल, टै्रप क्राप अपनाकर कीट नियंत्रण करें।
  • कीटों की निगरानी करने और उन्हें झुंड़ों में पकड़ने के लिए लाइट ट्रैप/चिपकने वाली ट्रैप/फेरोमोन ट्रैप का प्रयोग करें। कीटों जन्तुओं के जैविक नियंत्रण और रोगों के प्रतिरोध के लिए परजीवी एवं कीट जीवों का उपयोग करें।
  • यदि ऊपर लिखे हुए उपाय काम न आये तो विशेषज्ञों की सिफारिश के अनुसार रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करें और निम्नलिखित सावधानियां बरतें
  • रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करते समय बताए गये सभी सुरक्षा निर्देशों को अपनायें।
  • कीटनाशकों का छिड़काव करते समय सुरक्षा के साधन जैसे मास्क, दस्तानें आदि का प्रयोग करें।
  • हमेशा छिड़काव हवा की दिशा में करें और अपने आप को छिड़काव से सुरक्षित रखें।
  • कीटनाशकों, पादप रक्षा यंत्रों आदि को बच्चों और पालतू पशुओं की पहुंच से दूर ताला बंद कमरे में रखें।
  • कीटनाशकों क्रय करते समय इनकी पैकिंग व वैधता की तारीख अवच्च्य देख लें।
  • कीटनाशक विष से प्रभावित होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें तथा कीटनाशक के डिब्बे व निर्देश पुस्तिका साथ ले जाएं।
  • कीटनाशक के लेबल पर लिखे निर्देशों के अनुसार ही उसका प्रयोग करें।
  • कीटनाशक की पर्ची पर लिखी हिदायतों के अनुसार कीटनाशक पात्र को नष्ट करें।
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