शशांकासन

सर्वप्रथम वज्रासन में आइए अर्थात दोनो पैरों को घुटनों से मोड़कर पीछे की ओर नितम्ब  के नीचे रखें और एड़ियों पर बैठ जाएं। हाथों को पीठ के पीछे ले जाइए अब दायें हाथ से बायें हाथ को थामिये।
अब कमर से आगे को झुकेंगे और सर को घुटनो के सामने फर्श पर लगायेंगे फिर धीरे से बापिस आएँगे ।
साँस निकालते हुए नीचे जाएँगे और साँस लेते हुए वापिस आएँगे 10-20 सेकेंड रोक सकते हैं ।
आसन को रोकते समय साँस को भी रोकते हैं।इस क्रिया को 4 से 5 बार करें।

सावधानी- अगर आप गर्दन दर्द ,चक्कर , स्‍लिप डिस्‍क, हाई ब्‍लड प्रेशर संबन्‍धी समस्यायें  हैं तो इसे न करें।

लाभ-दिमाग़ में रक्त संचार ठीक करता है । मेमोरी को तेज करता है, विधयार्थीयों को प्रतिदिन करना चाहिए। आंते, यकृत, अग्न्याशय के रोगिओं के लिए लाभकारी है । कब्ज को दूर करता है । यह आसन पेट, कमर व कूल्हों की चर्बी कम करता है ।गुर्दों को बल प्रदान करता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव, क्रोध, चिड़चिड़ापन आदि मानसिक रोग भी दूर हो जाते हैं। फेफड़े स्वस्थ रहते हैं । हृदय रोगियों के लिए यह आसन अधिक लाभकारी है।

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योग द्वारा अपने बालों का ख्याल रखें |

बालों का ख्याल रखें

चाहे वह औरत हो या आदमी, आजकल के आधुनिक जीवन में बाल झड़ने की समस्या मानों हर किसी के लिए एक आम बात हो गयी है। इस समस्या का आम होना कोई हैरान करने वाली बात नहीं है क्यूंकि आजकल हर व्यक्ति दूषित खान-पान व वातावरण में रहता है। परन्तु योग द्वारा इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।
हर परिस्थिति में एक बात महत्वपूर्ण है- रोकथाम उपचार से बेहतर है। पढ़िए कि किस प्रकार योग द्वारा आप बाल झड़ने की समस्या का समाधान कर सकते हैं।
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