मत्स्यासन

सर्वप्रथम पद्मासन  की स्थिति में आएँगे ।अब धीरे से कोहनियों की सहायता लेते हुए पीछे पीठ के बल लेट जाएँगे ।हाथो की हथेलियों को कानो के पास ज़मीन पर रखते हुए ,गर्दन को पीछे मोरकर सिर को ज़मीन पर टिकाएँगे ,अब हाथों को वापिस लाकर दाएँ हाथ से बायें पैर का अंगूठा और बायें हाथ से दाएँ पैर का अंगूठा थाम लीजिए।

कुछ देर इसी स्थिति में रहिए 5-10 सेकेंड ।
अब धीरे से कोहनियों की सहायता से वापिस आयेंगे और पैरो को खोलते हुए ढीला कर देंगे।

 

साबधानियाँ-गर्दन में मोच आ सकती है ।  घुटना दर्द में नही करना चाहिए। योग शिक्षक की देख रेख में ही करें ।

लाभ-

सीने की मासपेशियों में रक्त संचार तेज करता है। मेरुदण्ड को मजबूत व लचीला बनाता है ।आँखों के लिए बहुत लाभप्रद है।
      थायरॉइड ग्रंथि में बहुत लाभकारी है।

 

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योग द्वारा अपने बालों का ख्याल रखें |

बालों का ख्याल रखें

चाहे वह औरत हो या आदमी, आजकल के आधुनिक जीवन में बाल झड़ने की समस्या मानों हर किसी के लिए एक आम बात हो गयी है। इस समस्या का आम होना कोई हैरान करने वाली बात नहीं है क्यूंकि आजकल हर व्यक्ति दूषित खान-पान व वातावरण में रहता है। परन्तु योग द्वारा इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।
हर परिस्थिति में एक बात महत्वपूर्ण है- रोकथाम उपचार से बेहतर है। पढ़िए कि किस प्रकार योग द्वारा आप बाल झड़ने की समस्या का समाधान कर सकते हैं।
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अर्द्धमत्स्येन्द्रासन आसन ऐसे करे

अर्द्धमत्स्येन्द्रासन  आसन ऐसे करे

अर्द्धमत्स्येन्द्रासन क्या है उसका अर्थ 

मत्स्येन्द्रासन की रचना गोरखनाथ के गुरु स्वामी मत्स्येन्द्रनाथ ने की थी। वे इस आसन में ध्यानस्थ रहा करते थे। मत्स्येन्द्रासन की आधी क्रिया को लेकर ही अर्ध-मत्स्येन्द्रासन प्रचलित हुआ। रीढ़ की हड्डियों के साथ उनमें से निकलने वाली नाड़ियों को यह आसन पुष्ट करता है
विधि इस प्रकार है  Read More : अर्द्धमत्स्येन्द्रासन आसन ऐसे करे about अर्द्धमत्स्येन्द्रासन आसन ऐसे करे