ववव संत निरंकारी ऑर्ग

ओशो – सब उस गोविन्द का खेल है

सब उस गोविन्द का खेल है

​एक समुराई है। अपनी पत्नी को गौना कराकर ले जा रहा है अपने गांव। रास्ते में तूफान आता है। सब लोग चिल्ला रहे हैं, रो रहे हैं। उसकी पत्नी देखती है कि उसका दूल्हा समुराई तो शांत है, थिर है। कौलर पकड़कर हिलाती है। कहती है-‘तुम कैसे व्यक्ति हिो? Read More : ओशो – सब उस गोविन्द का खेल है about ओशो – सब उस गोविन्द का खेल है