शब्दों के बिना देखना
Submitted by hayatbar on 9 August 2019 - 1:36pmछोटी-छोटी चीजों में प्रयोग करें कि मन बीच में न आए। आप एक फूल को देखते हैं--तब आप सिर्फ देखें। मत कहें "सुंदर', "असुंदर'। कुछ मत कहें। शब्दों को बीच में मत लाएं, कोई शब्द उपयोग न करें। सिर्फ देखें। मन बड़ा व्याकुल, बड़ा बेचैन हो जाएगा। मन चाहेगा कुछ कहना। आप मन को कह दें: "शांत रहो, मुझे देखने दो, मैं सिर्फ देखूंगा।'
शुरुआत में कठिनाई आएगी, लेकिन ऐसी चीजों से शुरू करें जिनसे आप ज्यादा जुड़े नहीं हैं। बिना शब्दों को बीच में लाए पत्नी को देखना कठिन होगा। आप पत्नी से बहुत जुड़े हुए हैं, बहुत ही भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। क्रोध में या प्रेम में--लेकिन आप बहुत जुड़े हुए हैं। Read More : शब्दों के बिना देखना about शब्दों के बिना देखना