खुद को प्रेरणा दो

खुद को प्रेरणा दो

बाजार में दिमाग तेज करने वाली कई दवाइयां मौजूद हैं, क्या ये दवाइयां या टॉनिक वाकई में काम करते हैं? यह जानने के लिए हमने एक प्रयोग किया। 
हमने तीस लोगों का एक ग्रुप बनाया, जो एक ही बैकग्राउंड से थे। हमने उनसे कहा कि हमारे पास एक ऐसा स्मृति टॉनिक है, जो तीन महीने में याददाश्त में वृद्धि करने में हेल्पफुल होगा। फिर हमने एक छोटा टेस्ट लिया और उस ग्रुप में से 15 लोगों को जाने-माने ब्रांड की बोतल में रंगीन पानी दिया। इस तरह सभी लोगों को तीन महीने तक वही पानी, टॉनिक बोलकर पिलाया गया। इसके बाद हमने फिर टेस्ट लिया। 
रिजल्ट: सभी को टेस्ट में बराबर के अंक मिले थे। 
क्यों हुआ ऐसा: सभी ने यही विश्वास किया कि वे दिमाग तेज करने के लिए कुछ अलग कोशिश कर रहे हैं, जिससे उनकी मेमोरी पावर में सुधार होगा। यह उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस ही था, जिसने उन्हें टेस्ट में अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित किया। हमें हेनरी फोर्ड की यह बात भी याद रखनी चाहिए कि जैसा तुम सोचते हो वैसा ही कर भी सकते हो। अगर अच्छा सोचते हो तो अच्छा ही परफॉर्म करते हो, नहीं तो उसका उलट।

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