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पेट्रोल सुबह या रात को ही क्यों भराना चाहिए?
पेट्रोल लीटर यानी आयतन के अनुसार भरा जाता है, मात्रा यानी किलोग्राम में नहीं।
दिन के समय, जब बाहरी तापमान, सुबह या शाम से कहीं ज़्यादा होता है। तापमान अधिक होने से, तरल पदार्थ (Liquid) ka आयतन बढ़ जाता है और एक लीटर में आप को सुबह या शाम के मुकाबले कम मात्रा (किलोग्राम) में पेट्रोल मिलता है।
इसको इस तरह भी समझ सकते हैं कि १५ डिग्री सेंटीग्रेड और जीरो समुद्र तल पर १ किलो ग्राम पेट्रोल करीब १.१ लीटर के आस पास होता है। दिन में यही तापमान जब ४० डिग्री हो जाए, तो १ किलोग्राम पेट्रोल, तापमान के बढ़ने से वॉल्यूम यानी लीटर में बढ़ जायेगा और नाप के समय उसकी रीडिंग १.२ लीटर दिखाएगी। मतलब, आप ले रहे हैं १ किलोग्राम पेट्रोल और पेमेंट कर रहे हैं १.२ लीटर का पैसा, जबकि सुबह या शाम में उसी १ किलो के लिए आप दे रहे थे,१.१ लिटर का पैसा। यानी १००मिलीलीटर का पैसा दोपहर को १किलो लेने में आप को ज्यादा देना पड़ेगा।
अब अगर आप १० लीटर पेट्रोल दोपहर में लेते हैं तो सुबह के मुकाबले करीब १ लीटर का पैसा अधिक लग जाता है।
अब आप सोचेंगे की गाड़ी में तो पेट्रोल लीटर में खर्च होता है! नहीं, जनाब! गाड़ी मात्रा (किलोग्राम) में ईंधन खर्च करती है, वॉल्यूम (लीटर) में नहीं। इसलिए गाड़ी की माइलेज भी कम दिखाएगी।
यानी एक लीटर भरने में १०० ग्राम का नुकसान। यह मात्रा थोड़ी कम ज्यादा भी हो सकती है, मैने सरल करके, बताने के लिए अनुमानतः किया है लेकिन अनुमान भी सच्चाई के आस पास है।
तरल पदार्थ का आयतन तापमान के साथ बढ़ता है और पेट्रोल, लीटर यानी आयतन में नाप कर दिया जाता है किलो में नहीं।
आप की जानकारी के लिए, पेट्रोल का घनत्व पानी से कम होता है। १ लीटर पानी १५ डिग्री पर १ किलोग्राम मात्रा के बराबर होता है। पानी का घनत्व १ होता है और पेट्रोल का ०.८५.