मृत्यु से पहले ही मनुष्य को अपनी मौत से जुड़े कौन से संकेत मिलने लगते हैं?

मनुष्य को अपनी

दादा जी की जब मृत्यु हुई थी तब पंडित जी गरुण पुराण का पाठ करने आते थे, तभी मैंने कुछ बातें सुनी थीं-

1- हाथ से कान बंद करने पर किसी भी प्रकार की आवाज सुनाई न दे तो समझ लीजिए मौत नजदीक है। अंदर जो हवा की तरह आवाज सुनाई देती है वह प्राण शक्ति है।

2- मृत्यु के समीप आने पर व्यक्ति को अपनी नाक दिखाई देना बंद हो जाती है।

3- जब कोई व्यक्ति संसार को छोड़कर परलोक की यात्रा पर जाने वाला होता है तो परलोक गए उनके पूर्वज और आत्माएं उत्साहित रहते हैं और अपनी दुनिया में नए सदस्य के आने की खुशी में रहते हैं। इसलिए व्यक्ति को कुछ दिनों पहले से मृत पूर्वज दिखाई देने लगते हैं।

4- यमदूत मृतक की आत्मा ले जाने के लिए उसके आस पास मंडराने लगते हैं, जो कि सिर्फ शय्या पर पड़े व्यक्ति को काले साये के रूप में दिखाई देते हैं। इसलिए अगर कोई वृद्ध या रोगी हवा में हाथ उठाकर कुछ दिखाने का प्रयास करें तो समझ जाना चाहिए वह अब जाने वाला है।

5- व्यक्ति को चांद और सूरज के चारों तरफ काला दिखाई देने लगता है।

6- मल मूत्र छींक एक साथ निकलने से पता चल जाता है कि मौत होने वाली है।

जैसे ही सांसें पूरी हो जाती हैं वैसे ही व्यक्ति के पास खड़े यमदूत उसके उसकी आत्मा को खींचने के लिए यमपाश फेंकते हैं और बड़े कष्ट के साथ उसके प्राण निकल जाते हैं। यमदूतों से जीवात्मा निवेदन करता है कि उसे थोड़ा समय दिया जाये लेकिन यमदूत बिल्कुल भी समय नहीं देते।

जीवात्मा रोते हुए परिजनों को देखकर अपार कष्ट पाता है और महान दुःख प्राप्त करता है। जीवात्मा हाहाकार करके विलाप करता है और अपने किए हुए कर्मों को याद करता हुआ हथकड़ी (यमपाश) में बंधा यमपुरी की ओर बढ़ता है।

 
 
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