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हड्डी टूटने पर घरेलु उपचार

चोट के कारण किसी भी प्रकार से हड्डी के चटकने को अस्थि भंग(Haddi tutna) के नाम से संबोधित (पुकारा) जाता है
हड्डी टूटने पर क्या खाएं :
लाल साठी चावल, मटर का सूप, घी, तेल, मधु रसोनकन्द, परवल के पत्ते, सहजन के फल, अंगूर, आंवला ये चीजे अस्थिभंग में खाना चाहिए।
★ अम्ल, लवण, कटु, क्षार और रूखे प्रदार्थ अस्थि भंग के रोगियों के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसी तरह खुली धूप, व्यायाम और मैथुन से भी बचाना चाहिए।
टूटी हड्डी को शीघ्र जोड़ने हेतु घरेलु उपचार व आयुर्वेदिक नुस्खे
दारूहल्दी: दारूहल्दी का चूर्ण 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित सेवन करने से टूटी हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है।
2. गेहूं :
• गुड़ में गेहूं का हलुआ सीरा बनाकर खाएं। इससे दर्द में लाभ होता है तथा हडि्डयां जल्दी जुड़ती हैं।
• 10 ग्राम गेहूं की राख 10 ग्राम शहद में मिलाकर चाटने से टूटी हुई हडि्डयां जुड़ जाती हैं। यह प्रयोग कमर और जोड़ों के दर्द में लाभकारी होता है।
3. मेथी: यदि शरीर के अन्दर के किसी भी भाग की हड्डी टूट गई हो तो मेथी के दानों का सेवन करने से लाभ मिलता है। यह हाथ-पैर के एक-एक जोड़ के दर्द को ठीक करती है।
4. पिठवन: लगभग 5 ग्राम पिठवन की जड़ों के चूर्ण को 2 ग्राम हल्दी के साथ 21 दिन तक सेवन करने से हडि्डयों के रोग में लाभ होता है।
5. पपीता: हडि्डयां कमजोर हो, दांत कमजोर हो तो रोगी को 1-1 पपीते या अमरूद के रस में आधा-आधा कप गाजर व आंवले का रस मिलाकर दिन में 2 बार पिलाने से लाभ होता है।
6. बबूल:
• बबूल के बीजों को पीसकर तीन दिन तक शहद के साथ लेने से अस्थि भंग दूर हो जाता है और अस्थियां मजबूत हो जाती हैं।
• बबूल की फलियों का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से टूटी हड्डी शीघ्र ही जुड़ जाती है।
7. अशोक: अशोक की छाल का चूर्ण 6 ग्राम तक दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से तथा ऊपर से इसी का लेप करने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है और दर्द भी शान्त हो जाता है।
8. पानी: आघात वाले स्थान पर ठंडे पानी की फुहार देना चाहिए।
9. ताजा निकाले हुए तिल को चोट की जगह पर हल्के से लगाने से लाभ मिलता है।
10. लघुपंचमूल: लंघुपंचमूल को 100 मिलीलीटर दूध या पानी में उबालकर हल्के-हल्के गर्म स्वरूप में चोट लगे स्थान पर धारा गिरा कर देना चाहिए।
11. मजीठ:
• मजिष्ठा और मधुयष्टि के मूल को बराबर की मात्रा में लेकर कांजी व घी में मिलाकर लेप यानी प्लास्टर लगाना चाहिए। इससे टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
• मजीठ, अर्जुन, मुलेठी और सुगन्धबाला का मिश्रित लेप करने और इन्ही औषधियों के काढ़े का सेवन करने से हड्डी जल्दी एक दूसरे से जुड़ जाती है। केवल मजीठ के साथ मुलहठी पीसकर लेप किया जाये तो भी दर्द एवं सूजन खत्म होती है।
• मजीठ की जड़, महुए की छाल और इमली के पत्ते सभी समान मात्रा में मिलाकर पीस लें, इसे गुनगुना गर्मकर टूटी हड्डी के ऊपर लगाएं और बांध लें। इससे टूटी हुई हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है।
• मजीठ का चूर्ण 1 से 3 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से हड्डी की पुष्टि होती है। टूटी हड्डी भी शीघ्र जाती है।
12. सुगंधबाला: सुगन्धबाला की फांट का सेवन करने से अस्थिभंग में लाभ होता है।
13. पृश्निपर्णी (पिठवन): पृश्निपर्णी (पिठवन) के मूल का चूर्ण आधा से 10 ग्राम मांस रस के साथ 21 दिन तक खाने से लाभ मिलता है।
14. काली मूसली: कालीमूसली का फल पीसकर चोट-मोच या हड्डी टूटने पर लेप करने से लाभ होता है।
15. : अस्थिभंग पर अर्जुन की छाल पीसकर लेप करने एवं 5 ग्राम से 10 ग्राम खीर पाक विधि से दूध में पकाकर सुबह शाम खाने से लाभ होता है। इसका सूखा पाउडर 1 से 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करना चाहिए