अंडकोष वृधि के लिए विशेष लाभदायक::गोमुखासन
Submitted by hayatbar on 15 April 2019 - 5:47amगोमुखासन आसन में व्यक्ति की आकृति गाय के मुख के समान बन जाती है इसीलिए इसे गोमुखासन कहते हैं। यह आसन आध्यात्मिक रूप से अधिक महत्व रखता है तथा इस आसन का प्रयोग स्वाध्याय एवं भजन, स्मरण आदि में किया जाता है। यह आसन पीठ दर्द, वात रोग, कंधे के कडे़ंपन, अपच तथा आंतों की बीमारियों को दूर करता है।
यह अंडकोष से संबन्धित रोगों को दूर करता है। यह आसन उन महिलाओं को अवश्य करना चाहिये, जिनके स्तन किसी कारण से छोटे तथा अविकसित रह गए हों। यह आसन स्त्रियों की सौंदर्यता को बढ़ाता है और यह प्रदर रोग में भी लाभकारी है।
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