अर्ध मत्स्येन्द्रासन के लाभ

  1. डायबिटीज के लिए रामबाण: आप सिर्फ अर्धमत्स्येंद्रासन योग करके मधुमेह को बहुत हद तक कण्ट्रोल कर सकते हैं। यह आसन पैंक्रियास को स्वस्थ रखते हुए इन्सुलिन के बनने में मदद करता है और मधुमेह के रोकथाम में अहम भूमिका निभाता है।
  2. मोटापा कम करने के लिए: अगर आपको अपनी पेट चर्बी कम करना हो तो इस आसन का अभ्यास जरूर करें। इस आसन के अभ्यास करते समय अगर इसे कुछ ज़्यदा वक्त के लिए मेन्टेन किया जाए तो पेट की चर्बी को गलाने में अच्छी सफलता मिलती है।
  3. रीढ़ को लचीला बनाता है : यह रीढ़ तथा पीठ की पेशियों को मजबूत करता है और उन्हें लचीला बनाता है।
  4. किडनी के लिए लाभकारी: इसके अभ्यास से आप अपने गुर्दों को स्वस्थ रख सकते हैं।
  5. एड्रीनल ग्रंथि: यह एड्रीनल ग्रंथि के लिए लाभकारी योगाभ्यास है।
  6. यकृत और प्लीेहा: यह यकृत और प्लीेहा को स्वस्थ रखता है।
  7. कब्ज रोकने में : पेट के विभिन्य जूस के स्राव में मदद करते हुए पाचन को सही करता है और कब्ज से निजात दिलाता है।
  8. दमा रोगियों के लिए लाभदायक: इसके अभ्यास से फेफड़े में अच्छा खासा खिंचाव आता है और दमा के रोगियों को राहत दिलाने में कारगर है।
  9. झुके हुए कंधों: इसके नियमित अभ्यास से झुके हुए कंधों और मुड़ी पीठ को ठीक किया जा सकता है।
  10. कंधों के मजबूती के लिए: यह कन्धों, कूल्होंक और गर्दन को खींचता है और मजबूत बनाता है

अर्द्धमत्स्येन्द्रासन आसन ऐसे करे

अर्द्धमत्स्येन्द्रासन  आसन ऐसे करे

अर्द्धमत्स्येन्द्रासन क्या है उसका अर्थ 

मत्स्येन्द्रासन की रचना गोरखनाथ के गुरु स्वामी मत्स्येन्द्रनाथ ने की थी। वे इस आसन में ध्यानस्थ रहा करते थे। मत्स्येन्द्रासन की आधी क्रिया को लेकर ही अर्ध-मत्स्येन्द्रासन प्रचलित हुआ। रीढ़ की हड्डियों के साथ उनमें से निकलने वाली नाड़ियों को यह आसन पुष्ट करता है
विधि इस प्रकार है  Read More : अर्द्धमत्स्येन्द्रासन आसन ऐसे करे about अर्द्धमत्स्येन्द्रासन आसन ऐसे करे