संपर्क : 7454046894
गराडू की खेती लाभ की खेती -

पिछले 10 सालो से गराडू की खेती कर रहे हैं अपनी ही किस्म गजराज बना ली अनुसंधान कर के नागर ने कृषक नन्दराम नागर अन्य किसानो की तरह परम्परागत खेती करते थे ।परन्तु उसमे लागत ज्यादा व् लाभ कम मिलता था । ईस कारण से कुछ अलग फसल उगाने का सोचा वेसे तो नागर मिर्च व टमाटार की खेती कई सालो से करते आ रहे हैं परन्तु ईस फसल मैं वायरस ब्लाइट लगने से वह नष्ट हो गए ।उसके बाद नागर ने गराडू की फसल लगाई व् अब वह एक एकड दो लाख की कमाई करते है । गराडू मूल रूप से कन्द वाली फसल है और ईसे सभी प्रकार।की मिट्टी मे ऊगा सकता है आम किसन भाई ईस की खेती आसानी से कर सकते हैं यदि किसान भाई समय समय पर ईस की देखबाल करे तो ईस खेती से अच्छा लाभ ले सकते है प्रथम वर्ष गराडू की खेती में एक एकड़ में करीब चालीस हजार रूपये का खर्च आता है। gi तार ड्रिप बाँस एक बार खरदी करने के बाद 5 साल तक चलते है पानी कम होने पर ड्रिप ईरीगेशन टपक सीचाइ का सहारा लेकर बी गराडू की खेती की जा सकती है
मिट्टी : गराडू की खेती के लिए बलुई दोम्मट मिटटी , काली मिट्टी जिसमे जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था हो उचित मानी जाती है ।
खेत की तैयारी -
फ़रवरी माह में पलाऊ करे ।इसके बाद कल्टीवेटर , फिर रोटावेटर से जमीन को अच्छी तरह से जोत कर समतल करे । उस के बाद पकी गोबर की खाद पाँच ट्रालि प्रति एकड़ डाले गोबर खाद को खेत मे अच्छी तरह से फैला ले और मिट्टी मैं मिला दे
बेड मेकर की सहिता से बैड बना ले
गराडू की बुआइ बेड बनाकर ड्रिप डाल कर की जाती है
ड्रिप विधि से गराडू की खेती मैं
पौधै से पौध की दूरी 1.5फीट
बेड 1.5 फ़ीट उचा
2 फिट चोड़ा
एक बैड से दूसरे बैड की दुरी 3 फ़ीट
बुवाई का समय 1 मई --30जून तक करे ।बुआई के लिए 100से 120 ग्राम के गराडू के टुकड़े उचित
बीज की मात्रा प्रति एकड़
1000से1200 किलोग्राम रखे ।
आधार खाद :
बुआई के पहले 200 किलो सुपर फॉस्फेट 30 किलो यूरिया व् 100 किलो पोटाश प्रति एकड़ के मान से डाले । फिर बुआई केर
बुआई करने के कुछ समय बाद गराडू गरमिनेट हो कर जमीन से बाहर आ जाता है मई माह मैं गराडू की बुआई करने पर ईसकी ख़ुदाई नवम्बर माह मैं की जाती है ठण्ड मैं ईसकी खुदाई की जाती है
उपज:
70 से 80 किवंटल प्रति एकड़ होती हैं बाज़ार मैं गराडू 30 रुपए किलो बिकता है