तोरई की खेती कब करें और पाये अधिक मुनाफा

 तोरई की खेती कब करें और पाये अधिक मुनाफा

भूमि का प्रयोग करें इस प्रकार 

इसको सभी  प्रकार की मिट्टियों  में उगाया जा सकता है परन्तु  उचित जल निकास धारण क्षमता वाली जीवांश युक्त हलकी दोमट भूमि इसकी सफल खेती के लिए सर्वोत्तम मानी गई है वैसे उदासीन पी.एच. मान वाली भूमि इसेक लिए अच्छी रहती है नदियों के किनारे वाली भूमि इसकी खेती के लिए उपयुक्त रहती है कुछ अम्लीय भूमि में इसकी खेती की जा सकती है पहली जुताई मिटटी पलटने वाले हल से करें इसके बाद २-३ बार हैरो या कल्टीवेटर चलाएँ | खेत कि तैयारी में मिट्टी भुरभुरी हो जानी  चाहिए  यह फसल अधिक निराइ  की फ

तोरई की खेती कब की जाती है ?

तोरई की खेती ज्यादा तर जनवरी से मार्च और जून से जुलाई महीने में की जाती है

फसल लगाने का तरीका यह है 

पंक्तियों और पौधों की आपसी दूरी १.०-१.२० मी. और १ मी. रखें एक स्थान पर २ बीज बोने चाहिए  बीज अधिक गहराई  में नहीं लगाया जाता है  यदि बीज गहराई  में डाल दिया जाता है तो  अंकुरण में कामे आ जाती है बीज की पर्याप्त मात्रा ४-५ किलो ग्राम प्रति हे. होती है | बीज को खेत में लगाने से पहले  गौ मूत्र में संशोधित करना चाहिए 

बुवाई कैसे करे ?

आप पहले सोच ले की आप कैसे मिटटी पे तोरई को बोना चाहते है उसके हिसाब से ही बीज तैयार करे और बहुत

सारे लोग घर में इसकी बुवाई भी करते है लेकिन अगर आप खेत में इसकी बुवाई  करते है बीज को १ इंच से जीरा अंदर न बोये बीज को ज्यादा नीचे बोने से बीज अंकुरित नहीं हो पाते बीज को बोन से पहले उसकी जांच करले बीज सही अंकुरित हो रहा है या नहीं बीज को अंकुरित चेक करने के लिए बीज को पानी में लगभग १२ घंटे तक फुला दे उसके बाद उसको  निकाल कर के सुत्ती कपडे में बांध कर कही अच्छे जगह पर रख दे 

२ दिन के बाद उसको खोल कर चेक कर ले की वो अच्छे से अंकुरित हो रहा है  या नहीं अगर अंकुरित हो जाता है तो आप उससे बो सकते है 

अगर आप अच्छे कंपनी का बीज बोये है तो  जब  फसल 2 फिट का हो जायेगा तभी से उसमे फूल आना सुरु हो जायेंगे 

सिचाई प्रबंधन ?

अगर आप गर्मी के दिन में फसल को बुवाई कर  रहे है तो आप 3  ,4 ,दिन में सिचाई करना होगा अगर बर्षा  का समय है तो वो बारिश के ऊपर निर्भर होता है आप खुद चेक कर ले की आपके खेत  कहीं नमी कम तो  नहीं न है अगर नमी कम होती है तो उसकी सिचाई जरूर करे 

 

लेकिन बात रही ख़त्म नहीं होती आपको इसका ध्यान भी रखना होगा क्यूंकि इसमें बहुत सारी बीमारिया भी लगती है उसके लिए भी आपको कुछ रोकथाम की जरुरत है 

तोरई की प्रजातिया 

पूसा नारदार ,कोयम्बुर 1 ,कोयम्बुर 2 ,पूसा चिकनी कल्याणपुर चिकनी ,राजेंद्र नेनुवा 1 etc. 

 

आपको ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है आप जिस दुकान से बीज लेंगे आप उससे अच्छे बीज ले ले कभी भी अच्छे कंपनी के ही बीज बोये अगर आप दुकान वाले से पूछेंगे तो वो आपके लिए अच्छे बीज दे सकते है आप जिस तरह के बीज बोना चाहते है

 

तोरई में लगने वाली बीमारिया ?

 

लालड़ी :-जब पौधों पर २ पत्तिया निकली है तब से कीड़ो का प्रकोप सुरु हो जाता है यह कीड़े फूलो और पत्तियों को खा जाते है यह किट की सुंडी भूमि के अंदर घुसकर पौधों को जड़ से काट देते है उसकी वजह से आपका पौधा सुख सकता है 

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