संपर्क : 7454046894
उड़ने वाली कार' तैयार है
उड़ने वाली कार' तैयार है और ये हमारी दुनिया बदल सकती है
उड़ने वाली कारें अब कपोल कल्पना नहीं रहीं. अब जेटपैक से लेकर निजी हवाई टैक्सी तक तैयार हैं. ये हमारे आवागमन, काम करने और जीने का तरीका बदल सकती हैं.
साल 1982 में बनी फ़िल्म 'ब्लेड रनर' में 2019 के काल्पनिक लॉस एंजेलिस शहर को दिखाया गया था, जहाँ आसमान से एसिड की बारिश होती है और हवाई हाइवे पर उड़ने वाली कारें दौड़ती हैं.
फ़िल्म बनने के बाद तकनीक में इतनी तरक्की हुई जिसके बारे में हॉलीवुड ने सोचा भी नहीं होगा. सेल्फी स्टिक, मर्डर ड्रोन, हैशटैग पॉलिटिक्स वास्तविकता बन गए. मगर उड़ने वाली टैक्सियाँ अब भी दूर की कौड़ी लगती हैं, जो सिर्फ़ विज्ञान गल्प के उपन्यासों और थीम पार्क में हो सकती हैं.
लेकिन हक़ीक़त में अब उड़ने वाली कारें मौजूद हैं और आने वाले दशकों में वे हमारे आवागमन, काम करने और रहने के तरीके को बदल सकती हैं.
बैटरी की क्षमता बढ़ने, मैटेरियल साइंस और कंप्यूटर सिमुलेशन में हुई प्रगति ने उड़ने वाले निजी वाहन बनाने की रफ्तार बढ़ा दी है. इनमें इलेक्ट्रिक ग्लाइडर से लेकर नियत पंखियों वाले वाहन और चार पंखियों वाले ड्रोन शामिल हैं.हो सकता है कि उड़ने वाली कारें ब्लेड रनर की काल्पनिक कार जैसी न दिखें, लेकिन वो अब दूर नहीं हैं. आकार में वो व्यावसायिक विमानों से बहुत छोटी हैं. ज़्यादातर वाहन रोटर के साथ डिजाइन किए गए हैं ताकि वे सीधे ऊपर उठकर टेक-ऑफ़ या लैंड कर सकें.
झुके हुए रोटर लंबी दूरी की हवाई यात्रा को सुगम बनाते हैं और मल्टी-रोटर शोर कम करने में सहायक हैं. उड़ने वाली ये गाड़ियाँ ट्रैफिक जाम की समस्या वाले शहरों में तेज़ आवागमन के लिए बनाई गई हैं.
मिसाल के लिए, जापानी स्टार्ट-अप स्काईड्राइव ने अपनी इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी की परीक्षण उड़ान के लिए टोयोटा से हाथ मिलाया है.
स्काईड्राइव की हवाई कार को दुनिया की सबसे छोटी इलेक्ट्रिक कार कहा जा रहा है जो सीधे ऊपर उठकर टेक-ऑफ़ या लैंड कर सकती है. गर्मियों में इस कंपनी ने अपने एसडी-03 यान को पायलट के साथ कई मिनट तक सफलतापूर्वक उड़ाकर देखा.
स्काईड्राइव के प्रतिनिधि टकाको वाडा का कहना है कि माँग बढ़ी है लेकिन लोगों को अभी तक यातायात का स्पष्ट समाधान उपलब्ध नहीं कराया गया है, जबकि इलेक्ट्रिक कारें और फ्रांस की इंटरसिटी टीजीवी ट्रेन जैसे तेज़ विकल्प मौजूद हैं.
माँग बढ़ने और तकनीकी तरक्की की वजह से एयरक्राफ्ट डिजाइनर नई होड़ में लगे हैं.
लिलियम, विस्क, जॉबी एविएशन, बेल और अनगिनत अन्य कंपनियां इलेक्ट्रिक प्रोपल्सन जैसे आविष्कारों में पैसे लगा रही हैं जो शोर को नाटकीय रूप से कम करती है और बैटरी क्षमता को बढ़ाती है, जिससे रेंज बढ़ती है.
यह उद्योग अभी शैशवकाल में है, फिर भी वर्टिकल टेक-ऑफ़ और लैंडिंग (VTOL) डिजाइन की कोई कमी नहीं है.
दर्जनों स्टार्ट-अप कंपनियाँ व्यावसायिक जेटपैक, उड़ने वाली मोटरबाइक और निजी एयर टैक्सी बनाने के लिए होड़ कर रही हैं.
वेंचर पूंजीपति, ऑटो और विमानन कंपनियां (राइड शेयर कंपनी उबर भी) तेज़ी से बढ़ते उद्योग में अपना दखल बढ़ा रही हैं. साल 2040 तक यह उद्योग 1.5 ट्रिलियन डॉलर (1.1 ट्रिलियन पाउंड) का हो सकता है.
उड़ान विशेषज्ञ नए परिवहन को नियंत्रित करने वाले नियम और सुरक्षा मानक बनाने में जुट गए हैं.
जर्मन कंपनी वोलोकॉप्टर अपने वोलोसिटी यान को पहली व्यावसायिक लाइसेंस प्राप्त एयर टैक्सी बता रही है. बिजली से चलने वाली यह हवाई कार पायलट के बिना उड़ सकती है.
वोलोकॉप्टर के वाइस प्रेसिडेंट फ़ेबियन नेस्टमन कहते हैं, "यह उबर ब्लैक या किसी अन्य प्रीमियम सेवा की तरह होगी."
वोलोसिटी में सिर्फ़ एक यात्री के लिए जगह होगी. शुरुआत में ऐसी यात्राओं के लिए ज़्यादा ख़र्च करना पड़ेगा, लेकिन कंपनी को उम्मीद है कि सेवा शुरू करने से पहले उपभोक्ताओं का भरोसा बन जाएगा.
नौ बैटरियों वाली हवाई टैक्सी सवारियों को प्रमुख शहरों में बने वर्टिपोर्ट तक ले जाएगी. ये वर्टिपोर्ट छोटे हवाई अड्डे की तरह होंगे जहां से हवाई टैक्सियां टेक-ऑफ़ और लैंड कर सकेंगी. वोलोसिटी की पहली व्यावसायिक सेवा 2022 में शुरू करने की योजना है.
शुरुआती उड़ानों में एक यात्रा का टिकट 300 यूरो (350 डॉलर या 270 पाउंड) का होगा. नेस्टमन का कहना है कि उनका लक्ष्य इस ख़र्च को घटाकर उबर ब्लैक के बराबर लाना है.
वो कहते हैं, "हम नहीं चाहते कि यह अमीरों का खिलौना बनकर रह जाए. हम इसे शहरी क्षेत्र में सबके लिए सुलभ करना चाहते हैं. सभी के पास पैदल चलने, गाड़ी चलाने, साइकिल चलाने या उड़ने का विकल्प होना चाहिए."
ब्रिटेन की एयरोनॉटिकल कंपनी ग्रैविटी इंडस्ट्रीज ने 1,050 हॉर्सपावर का जेटपैक बनाया है जिसे पहना जा सकता है.
कंपनी के संस्थापक और मुख्य परीक्षण पायलट रिचर्ड ब्राउनिंग इसे फ़ॉर्मूला वन कार जैसा बताते है.
वो कहते हैं, "जेटसूट एक विशिष्ट उपकरण है, जिसे अभी सिर्फ़ प्रशिक्षित पेशेवर और सेना के लोग ही पहन सकते हैं."
सुनने में यह जितना सरल लगता है उतना आसान नहीं है. ग्रेट नॉर्थ एयर एंबुलेंस सर्विस ने हाल ही में राहत और बचाव कार्य के प्रशिक्षण के लिए ग्रैविटी इंडस्ट्रीज के साथ हाथ मिलाया.
इंग्लैंड की लेक डिस्ट्रिक्ट में लैंगडेल पाइक्स घाटी से ब्राउनिंग ने अपने जेटपैक के साथ उड़ान भरी और तयशुदा घटनास्थल तक पहुंचे. पैदल चलने में यह 25 मिनट की मुश्किल चढ़ाई थी. ब्राउनिंग को इसमें 90 सेकेंड लगे.छोटी गाड़ियां बनाने वाला कलाकार
इस अभ्यास ने दिखाया कि दूरदराज के इलाकों में जेटपैक आपदा में मदद के काम आ सकती है.
कैलिफोर्निया के एम्स रिसर्च सेंटर में नासा के एयरोनॉटिक्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक परिमल कोपार्डेकर कहते हैं, "हवाई परिवहन का सपना लंबे समय से है. अब हमारे पास ऐसे वाहन डिजाइन करने का मौका है जो उन जगहों पर भी माल और सेवाएं पहुंचा सकते हैं जहां मौजूदा विमान नहीं पहुंच सकते."
कोपार्डेकर VTOL सहित नई विमानन प्रवृत्तियों की खोज करते हैं. काम की जटिलता को देखते हुए नासा की टीम को सभी तत्वों- वायुयान, हवाई क्षेत्र, बुनियादी ढांचा, सामुदायिक एकीकरण, मौसम, जीपीएस, शोर का मानक, रखरखाव और आपूर्ति श्रृंखला का परीक्षण करना चाहिए.
हवाई टैक्सी सेवा को हक़ीक़त बनाने से पहले इन अस्पष्ट समस्याओं को सुलझाना ज़रूरी है.
हवाई टैक्सियों में इंसान की उड़ान के लिए ऐसे यान चाहिए जो कानूनन वैध हों, सुरक्षित हों और जिनमें उड़ान भरने के लिए लोग तैयार भी हों.
सवारियों को यह समझाना होगा कि यह सेवा परिवहन के दूसरे साधनों से अच्छी और सुरक्षित है.
नेस्टमन वोलोकॉप्टर की योजनाओं से लोगों को वाकिफ़ कराते हैं. वो कहते हैं,"आप कड़ाई से परीक्षण किए बिना व्यावसायिक सेवा शुरू नहीं कर सकते. इन मशीनों के लिए बुनियादी ढांचे का विकास इसका हिस्सा है."
इसका मतलब है वर्टिपोर्ट के लिए हार्डवेयर, बिजली से लैस भंडारण सुविधा और पर्दे के पीछ से संचालित करने वाला सॉफ्टवेयर तैयार करना.
VTOL को चलाने के लिए ज़रूरी प्रणाली पूरी तरह स्वचालित होनी चाहिए. मौजूदा व्यावसायिक उड़ानों की निगरानी एक कंट्रोल टॉवर में बैठे नियंत्रक करते हैं, लेकिन भविष्य की उड़ान मशीनें मानव रहित यातायात प्रबंधन (UTM) पर निर्भर करेंगी.
डिजिटल ट्रैकिंग से यह सुनिश्चित होगा कि सभी उड़नयानों को रास्ते में मौजूद अन्य उड़ानों के बारे में पता रहे.
सफल ट्रैक रिकॉर्ड वाला पूरी तरह स्वचालित वर्टिकल ट्रांसपोर्ट लोगों में भरोसा जाएगा लेकिन उड़ने वाली मशीनों का विशाल नेटवर्क कई नई चुनौतियां भी खड़ी करेगा. इन मशीनों को रन-वे या ऑन-द-ग्राउंड पार्किंग की ज़रूरत नहीं होगी, लेकिन उनके लिए समर्पित एयर कॉरीडोर और स्काई-हार्बर चाहिए.
हवाई टैक्सियां ज़मीन पर कारों की संख्या घटा सकती हैं. आने और जाने के समय के बारे में अनुमान लगाना सुगम हो सकता है, लेकिन आसमान में ज़्यादा चीजें- इमारतें, पक्षी, डिलीवरी ड्रोन और हवाई जहाज- मौजूद होंगी तो पायलट की ज़रूरत होगी. 'स्काईवे' के लिए अलग नियम भी ज़रूरी होंगे.
इसके अलावा, निर्माताओं और ऑपरेटरों को यह दिखाना होगा कि सवारियों को या नीचे ज़मीन पर मौजूद लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा.
अमरीका के फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन और अन्य नियामक संस्थाओं के साथ मिलकर कोपार्डेकर और नासा की टीम ने "अर्बन एयर मोबिलिटी मैच्योरिटी लेवल स्केल" तैयार किया है.
यह स्केल जटिलता और शहरी घनत्व के आधार पर 1 से 6 के पैमाने पर हवाई यानों, हवाई क्षेत्र और अन्य प्रणालियों की रैंकिंग करेगा.
वो स्वचलान और आपात प्रबंधन के साथ कॉकपिट संचालन को सरल बनाने के तरीके खोज रहे हैं. आपदा प्रबंधन में खराब मौसम, पक्षी से टक्कर या आकस्मिक जेटपैक घुसपैठिए से निपटने के दिशानिर्देश शामिल होंगे.
इस तरह के दिशानिर्देशों की अहमियत पहले ही साबित हो चुकी है. अक्टूबर 2020 में लॉस एंजेल्स के LAX एयरपोर्ट के पास एक व्यावसायिक विमान ने 6000 फीट की ऊंचाई पर एक जेटपैक को देखा. उतनी ऊंचाई पर टक्कर होने का गंभीर जोखिम था.
यूरोपियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने भी उड़नयानों के लिए तकनीकी विशिष्टताओं का सेट तैयार किया है, हालांकि अब तक यह तय है कि उनको कैसे प्रमाणित किया जाए.
इन विशिष्टताओं का मकसद आपातकालीन निकास, बिजली गिरने से बचाव, लैंडिंग गियर सिस्टम और दबाव वाले केबिन जैसे मानकों पर ध्यान देना है.
एयरक्राफ्ट, रोटरक्राफ्ट या दोनों की डिजाइन विशिष्टताएं होने के बावजूद EASA अधिकतर मामलों में यह तय नहीं कर पा रहा कि नये वाहन पारंपरिक हवाई जहाज हैं या रोटरक्राफ्ट. "
दूसरे शब्दों में, EASA अभी यह तय नहीं कर पाया है कि वह क्या चीज है जो VTOL को व्यावसायिक जेट या हेलीकॉप्टर से अलग करता है.
VTOL के सफल संचालन के लिए सरकार, तकनीक, परिवहन और शहरी नियोजन के बीच समन्वित प्रयासों की ज़रूरत होगी.
होड़ के पीछे क्या है?
उड़ने वाली कार बनाने की इस होड़ के पीछे क्या है?
ई-कॉमर्स, जलवायु परिवर्तन, गिग इकोनॉमी और एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला जैसे वैश्विक रुझानों ने निजी हवाई यात्रा में दिलचस्पी बढ़ाई है. मौजूदा बुनियादी सुविधाओं और संबंधित उद्योगों की असफलताओं ने शिद्दत से इसकी ज़रूरत महसूस कराई है.
न्यूयॉर्क, हॉन्गकॉन्ग और बीजिंग जैसे शहर अपनी क्षमता की हद तक पहुंच चुके हैं. फिर भी एकीकृत होती अर्थव्यवस्था लगातार गतिशीलता की मांग करती है.
कोपार्डेकर कहते हैं, "अभी ज़्यादातर लोग परिवहन की पहुंच के आधार पर आवास के फ़ैसले करते हैं. VTOL और ड्रोन से यह मुमकिन होगा कि लोग जहां हों वहां तक पहुंच बने."
व्यवसायों के लिए यह ज़रूरी नहीं होगा कि वे बड़े व्यावसायिक केंद्रों में ही मुख्यालय बनाएं. उनके कर्मचारी एयर टैक्सी की पहुंच के दायरे में कहीं भी रह सकते हैं. उड़ने वाली कार का मालिक होना उतना ही सस्ता और सर्वव्यापी होगा जितना एक साइकिल रखना.
नेस्टमन कहते हैं, "लगातार फैलते हुए शहर बढ़ती गतिशीलता की ज़रूरत पैदा करते हैं. इससे शहर के बारे में नया नज़रिया मिलता है क्योंकि कार के इर्द-गिर्द सब कुछ तैयार करने से ज़िंदगी बेहतर नहीं हो सकती."
ट्रैफिक की अड़चनें महानगरों के हाई-वे और कारों पर बोझ बढ़ाती हैं, कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है जिससे पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. बिजली से चलने वाली उड़न कारें (eVTOLS) डीजल पर हमारी निर्भरता और उत्सर्जन को नाटकीय रूप से घटा देंगी.
उड़ने वाली कार
उड़ने वाली कारों की बढ़ती तादाद शहर की संरचना को भी बदल देगी. इमारतें ऊंची होने लगेंगी. छतों पर लैंडिंग की सुविधाएं बढ़ेंगी और गगनचुंबी इमारतें हवाई हाई-वे से जुड़ जाएंगी.
इससे नीचे की ज़मीन मुक्त हो जाएगी. सड़क पर कम गाड़ियां होने से भीड़भाड़ कम होगी जिससे पार्क और हरियाली बढ़ेगी.
कोपार्डेकर कहते हैं, "लंबे दौर में- 2045 के बाद- व्यवसाय और हरित क्षेत्र अब से कहीं ज़्यादा एकीकृत होंगे. हालांकि हम मेट्रो और सड़कों को ख़त्म नहीं कर सकते, मगर उनके पदचिह्नों को कम कर सकते हैं."
भविष्य के परिवहन, कामकाजी ज़िंदगी, उपभोग और शहरी डिलाइन पर बड़े प्रभाव पड़ेंगे. 2030 तक उपभोक्ता एक बटन दबाकर एयर टैक्सी बुला सकते हैं और सीधे दफ्तर पहुंच सकते हैं.
उसके बाद के दशकों में, ज़मीन पर उतरने की ज़रूरत कम से कम होने लगेगी. हमारे व्यवसाय और हमारी ज़िंदगियां शहर के ऊपर आसमान में ही चलेंगी.
कोपार्डेकर कहते हैं, "सड़क का एक मील आपको केवल एक मील आगे ले जा सकता है. विमानन का एक मील आपको कहीं भी ले जा सकता है."