हिडन कैमरों का पता कैसे लगाएं

सबसे पहले ये जान लें कि कैमरे कहां-कहां छिपे हो सकते हैं. हिडन कैमरे काफ़ी छोटे होते हैं, लेकिन ये आपकी सारी गतिविधियों को रिकॉर्ड कर सकते हैं. फिर चाहे आप बाथरूम में हों, किसी स्टोर के चेंजिंग रूम में कपड़े बदल रहे हों या होटल के कमरे में अपने पार्टनर के साथ हों.

इन कैमरों को कहीं भी आसानी से छिपाया जा सकता है, जैसे कि-

  • शीशे के पीछे
  • दरवाज़े में
  • दीवार के किसी कोने में
  • छत पर
  • लैंप में
  • फ़ोटो फ़्रेम में
  • टिश्यू पेपर के डब्बे में
  • किसी गुलदस्ते में
  • स्मोक डिटेक्टर में

तो कैसे पता करें कि कैमरा है कहां?

पहले जांच लें: साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि सबसे पहले तो आप सतर्क रहें. जब भी आप पब्लिक टॉयलेट, चेंजिंग रूम या होटल के किसी कमरे में जाएं तो चारों ओर अच्छे से देख लें. आस-पास रखे सामान को देख लें. छत के कोनों में भी देखें.

कोई छेद तो नहीं है: कहीं कोई छेद दिखे तो उसके अंदर झांक कर देखें कि कहीं उसमें कुछ लगा तो नहीं है. दरअसल कैमरों को शीशे के पीछे, फोटो फ्रेम में या बैक डोर जैसी जगहों पर लगा दिया जाता है. थोड़ा-सा सतर्क रहकर इन्हें पकड़ सकते हैं.

कोई तार दिख रहा है: ये भी देखें कि कहीं से एक्स्ट्रा तार जाता हुआ तो नहीं दिख रहा. अगर कोई तार दिखे तो पता करें कि कहां तक जा रहा है. हो सकता है कि वो आपको कैमरे तक ले जाए. कई कैमरों में कोई तार नहीं होता. वो बैटरी से चलते हैं और मैगनेट की तरह कहीं भी चिपक जाते हैं.

लाइट बंद करके देख लें: अगर चेंजिंग रूम में या होटल के किसी कमरे में हैं तो एक बार लाइट बंद करके चारों ओर देखें. अगर कहीं एलईडी की रोशनी दिखे तो हो सकता है कि वो कैमरा हो. दरअसल कुछ नाइट विज़न कैमरे होते हैं, जो अंधेरे में हो रही गतिविधि को भी रिकॉर्ड कर लेते हैं. इन कैमरों में एलईडी लाइट लगी होती है. अंधेरे में इसे पकड़ा जा सकता है.

मिरर टेस्ट: चेंजिंग रूम, बाथरूम और कमरों में हर जगह शीशे लगे होते हैं जिनके सामने आप कपड़े बदलते हैं, टॉयलेट करते हैं. होटल के कमरों में भी बड़ा-सा शीशा होता है. इसलिए हो सकता है कि शीशे के दूसरी तरफ से आपको कोई देख रहा हो या पीछे कोई कैमरा लगा हो जो सब रिकॉर्ड कर रहा हो. ऐसे में शीशे को जांचना भी ज़रूरी है. इसके लिए शीशे पर उंगली रखें और देखें. अगर आपकी उंगली और शीशे पर बन रही इमेज के बीच थोड़ा गैप दिखे, तो शीशा सही है. लेकिन अगर आपकी उंगली और इमेज में गैप ना दिखे मतलब कोई गड़बड़ है.

फ्लैश ऑन करके देख लें: बत्ती बुझाकर मोबाइल का फ्लैश ऑन करें और चारो ओर देखें. अगर कहीं से रिफ्लेक्शन आए तो हो सकता है कि कैमरे के कांच से आ रहा हो. उस दिशा में जाकर अच्छे से देखें कि कहीं हिडन कैमरा तो नहीं है.

ऐप और डिटेक्टर: आपको कई ऐप मिल जाएंगे जिससे आप हिडन कैमरे का पता लगा सकते हैं. लेकिन साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक कई ऐप फ़ेक भी हो सकते हैं, जो कुछ बता ही नहीं पाएंगे और उल्टा आपके फ़ोन में ही वायरस छोड़ जाएंगे. इसके अलावा कुछ डिटेक्टर डिवाइस भी मार्केट में उपलब्ध हैं, जिन्हें खरीदकर आप अपने पास रख सकते हैं. लेकिन ये मंहगे होते हैं, जिन्हें हर कोई ख़रीद नहीं सकता. ये अक्सर पुलिस के पास होते हैं.

कैमरा दिख जाए तो क्या करें

अगर आपको हिडन कैमरा दिख जाए तो घबराएं नहीं. तुरंत पुलिस से संपर्क करें. कैमरे को न छुएं, क्योंकि उसपर अभियुक्त के फ़िंगरप्रिंट होंगे. पुलिस के आने तक वहीं रुके.

साइबर विशेषज्ञ कर्णिका बताती हैं, "किसी महिला की सहमति के बग़ैर कैमरा से उसकी फ़ोटो लेना या वीडियो रिकॉर्ड करके दूसरों को बांटना अपराध है. इसमें आईटी एक्ट की धारा 67A और 66E (निजता का हनन), आईपीसी की धारा 354सी के तहत मामला दर्ज किया जाता है. इसके लिए अभियुक्त को तीन साल तक की सज़ा और जुर्माना हो सकता है."

उनके मुताबिक फिशिंग हैकिंग के बाद सबसे ज़्यादा मामले इसी अपराध के सामने आते हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2016 में साइबर क्राइम में करीब ग्यारह हज़ार लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से आधे लोगों को इस तरह के वीडियो बनाने के आरोप में पकड़ा गया था.

 

वीडियो का क्या करते हैं

एक दूसरे साइबर एक्सपर्ट विनीत कुमार कहते हैं, "एक तो लोग ख़ुद देखने के लिए ऐसे वीडियो बनाते हैं. दूसरा इसका एक बहुत बड़ा मार्केट भी है. इन वीडियो को बेच दिया जाता है. इन्हें वेबसाइट्स पर डाल दिया जाता है. इन वीडियो को बहुत लोग देखते हैं."

"कई बार लड़कियां इसकी शिकायत नहीं करतीं. उन्हें लगता है कि किसी को बताएंगी तो उनकी ही बदनामी होगी. कुछ लड़कियां आत्महत्या तक का सोच लेती हैं. लेकिन उन्हें डरना नहीं चाहिए, बल्कि पुलिस से संपर्क कर मदद मांगनी चाहिए."

विनीत कहते हैं, "भारत सरकार की वेबसाइट cybercrime.gov.in पर फ़िलहाल बच्चों से जुड़े मामले दर्ज किए जाते हैं, लेकिन कुछ वक्त बाद इसपर महिलाओं से जुड़े मामले भी लिए जाएंगे. महिलाएं फ़िलहाल महिला आयोग की साइबर सेल में शिकायत की जा सकती है. इसके अलावा महिला और बाल विकास मंत्रालय के साइबर सेल में भी शिकायत कर सकते हैं."

छिपे हुए कैमरों का पता लगाने के लिए साइबर एक्सपर्ट्स ने कई ट्रिक्स तो बताईं, लेकिन वो सबसे ज़्यादा ज़ोर सतर्क रहने पर देते हैं.

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