व्यायाम व जिम्नास्टिक

व्यायाम व जिम्नास्टिक

1. शरीर के केवल बाह्य मांसपेशियों व मसल को कड़ा व मजबूत बनाता है।

2. इसको करने से शरीर में आलस्य थकावट आती है तथा दूसरे परिश्रम करने की अनिच्छा होती है।

3. अधिक वृद्ध, स्त्री, कमजोर, रोगी वयस्त व्यक्ति नहीं कर सकते।

4. अधिक समय व शक्ति की जरूरत होती है

5. खेल, व्यायाम में हम दूसरी वस्तु या व्यक्ति पर निर्भर रहते हैं, जिसके अभाव में व्यायाम नहीं कर सकते।

6. इसके अभ्यास से शरीर में कठोरता व भारीपन होता है, जिससे ढलती उम्र में वात, गठिया रोग हो जाते हैं। शरीर अल्पायु हो जाता है जैसे - पहलवान, कुश्ती लड़ने वालों का।

7. कुछ समय बाद छोड़ देने से शरीर में कब्ज आदि हो जाते हैं तथा पिछले परिश्रम का कोई गुण धर्म नहीं रहता/ पुनः प्रारंभ करने के लिये वही प्रयत् करना होता है।

8. इसका उपचारात्मक महत्व नहीं है, केवल स्वस्थ व्यक्तियों के लिये है।

9. शरीर के सभी संस्थानों पर इसका प्रभाव व नियन्त्रण नहीं के बराबर है, इससे शरीर की सूक्ष्म शक्तियों का जागरण व विकास नहीं होता।

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