ऋण गारंटी निधि योजना

ऋण गारंटी निधि योजना

अत्यंत लघु एवं लघु उद्यम, विशेष रूप से प्रथम पीढ़ी के उद्यमी ऋणों के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति देने में असमर्थ होने के कारण, बैंक से ऋण प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 30 अगस्त, 2000 को लघु उद्योगों के लिए ऋण गारंटी निधि योजना शुरू की, ताकि संपार्श्विक प्रतिभूति की समस्या और अत्यंत लघु एवं लघु उद्योग क्षेत्र को ऋण उपलब्ध होने में आने वाली बाधाओं का निदान किया जा सके।  

सरकार ने लघु उद्योग इकाइयों, विशेष रूप से अतिलघु इकाइयों को संपार्श्विक प्रतिभूति /तृतीय पक्ष की गारंटी के बिना 10 लाख रुपये (वर्तमान में यह 100 लाख रुपये तक के ऋणों के लिए लागू है) तक के ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, 19 मई, 2000 को लघु उद्योग ऋण गारंटी निधि योजना के लिए अनुमोदन प्रदान किया।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम ऋण गारंटी निधि योजना के क्रियान्वयन के लिए, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम ऋण गारंटी निधि ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) नामक ट्रस्ट की स्थापना की। यह योजना औपचारिक रूप से 30 अगस्त, 2000 को शुरू की गई और 01 जनवरी, 2001 से इस योजना का परिचालन शुरू हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य यह है ऋणदाता परियोजना की सक्षमता को महत्त्व दें और केवल वित्तपोषित आस्तियों की प्राथमिक प्रतिभूति के आधार पर ऋण सुविधा सुरक्षित करें। दूसरा उद्देश्य यह है कि गारंटी सुविधा का उपयोग करने वाले ऋणदाता उधारकर्ताओं को संमिश्र ऋण उपलब्ध कराएँ, ताकि उधारकर्ता एक ही एजेन्सी से सावधि ऋण एवं कार्यशील पूँजी दोनों सुविधाएँ प्राप्त करें।

 

ऋण गारंटी योजना ऋणदाता को पुनर्आश्वस्त करती है कि यदि संपार्श्विक प्रतिभूति से मुक्त ऋण सुविधा का उपयोग करने वाली एमएसई इकाई ऋणदाता को देयताएँ पूरी करने में असमर्थ रहती है, तो गारंटी ट्रस्ट ऋण सुविधा के 70/80/85% तक ऋणदाता के नुकसान की भरपाई करेगा।

 
ट्रस्ट की स्थापना से, इस योजना के अंतर्गत प्रस्तावों की संख्या और संवितरित ऋण राशि में महत्त्वपूर्ण वृद्धि हुई है। निम्नलिखित सारणी में वित्तवर्ष 2001 से सीजीटीएमएसई के परिचालन के उल्लेखनीय तथ्य दिए गए हैं।

सीजीटीएमएसई योजना के अंतर्गत ऋण में संवृद्धि

 

अवधि

अनुमोदित प्रस्तावों की संख्या

अनुमोदित ऋण राशि (लाख रुपये)

विव 2000-01

विव 2001-02

विव 2002-03

विव 2003-04

विव 2004-05

विव 2005-06

विव 2006-07

विव 2007-08*

विव 2008-09*

विव 2009-10*

951

2,296

4,955

6,603

9,516

16,284

27,457

30,825

53,708

151,387

606

2,952

5,867

11,760

32,677

46,191

70,453

105,584

219,940

687,511

 

स्रोतविकास आयुक्त (एमएसएमई)

योजना, पात्रता मानदंड, शुल्क, आदि की विस्तृत जानकारी के लिए सीजीटीएमएसई की वेबसाइट देखें।