नार्मल विटामिन डी लेवल्स

डिप्रेशन पर विटामिन डी का असर

डिप्रेशन पर विटामिन डी का असर

सूरज की रोशनी से बार-बार वाबस्ता होने से हमारा मूड बेहतर होता है. इसका ये निष्कर्ष निकाला जाता है कि विटामिन डी हमें डिप्रेशन से लड़ने में मदद करता है. लेकिन, डिप्रेशन का विटामिन डी से सीधा संबंध है, ये बात भी रिसर्च से पक्के तौर पर साबित नहीं हो सकी है.

असल में सेरोटिनिन नाम का पिगमेंट होता है, जिसका संबंध हमारे मूड से होता है, जो हमें सूरज की रोशनी से मिलता है. इसी तरह नींद को नियमित करने वाला पिगमेंट मेलाटोनिन भी हमें विटामिन डी के ज़रिए हासिल होता है. इन में से किसी की भी कमी हमारे अंदर डिप्रेशन वाले लक्षण पैदा करती है. Read More : डिप्रेशन पर विटामिन डी का असर about डिप्रेशन पर विटामिन डी का असर

विटामिन डी सप्लीमेंट- कितना फ़ायदेमंद

विटामिन डी सप्लीमेंट- कितना फ़ायदेमंद

भले ही रिसर्च, विटामिन डी के बीमारियों और सेहत से संबंध को पक्के तौर पर साबित नहीं कर सकी हैं. पर, इस में कोई दो राय नहीं कि विटामिन डी हमारे लिए बहुत अहम है. हां, सूरज की रोशनी ज़्यादा ज़रूरी है, विटामिन डी सप्लीमेंट उतने कारगर नहीं हैं, जितना दावा किया जाता है.

जानकार कहते हैं कि जिनके शरीर में विटामिन डी की भारी कमी है, उन्हें तो सप्लीमेंट से फ़ायदा हो सकता है. मगर, एक सामान्य इंसान को अगर पर्याप्त सूरज की रोशनी मिलती रहे, तो उसे विटामिन डी सप्लीमेंट लेने की ज़रूरत नहीं है. Read More : विटामिन डी सप्लीमेंट- कितना फ़ायदेमंद about विटामिन डी सप्लीमेंट- कितना फ़ायदेमंद

हर बीमारी का ताल्लुक़ विटामिन डी से नहीं

विटामिन डी से नहीं

तमाम बीमारियों को विटामिन डी की कमी से जोड़ने की जो रिसर्च हैं, उन पर लगातार सवाल उठते रहे हैं.

न्यूज़ीलैंड की ऑकलैंड यूनिवर्सिटी के इयान रीड ने इस बारे में काफ़ी पढ़ाई की है. रीड कहते हैं कि बीमार होने पर हम घर में रहते हैं. खुले में नहीं जाते. तो, हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है. शायद यही वजह है कि किसी भी बीमारी के बाद शरीर में विटामिन डी की कमी दिखती है. मगर ये सोच सही नहीं.

विटामिन डी से आंतों में कैल्शियम की तादाद सही रहती है. इससे आंतों का कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है. Read More : हर बीमारी का ताल्लुक़ विटामिन डी से नहीं about हर बीमारी का ताल्लुक़ विटामिन डी से नहीं