विटामिन डी कैप्सूल्स

डिप्रेशन पर विटामिन डी का असर

डिप्रेशन पर विटामिन डी का असर

सूरज की रोशनी से बार-बार वाबस्ता होने से हमारा मूड बेहतर होता है. इसका ये निष्कर्ष निकाला जाता है कि विटामिन डी हमें डिप्रेशन से लड़ने में मदद करता है. लेकिन, डिप्रेशन का विटामिन डी से सीधा संबंध है, ये बात भी रिसर्च से पक्के तौर पर साबित नहीं हो सकी है.

असल में सेरोटिनिन नाम का पिगमेंट होता है, जिसका संबंध हमारे मूड से होता है, जो हमें सूरज की रोशनी से मिलता है. इसी तरह नींद को नियमित करने वाला पिगमेंट मेलाटोनिन भी हमें विटामिन डी के ज़रिए हासिल होता है. इन में से किसी की भी कमी हमारे अंदर डिप्रेशन वाले लक्षण पैदा करती है. Read More : डिप्रेशन पर विटामिन डी का असर about डिप्रेशन पर विटामिन डी का असर

विटामिन डी के फ़ायदे

विटामिन डी के फ़ायदे

यूं तो इसे चमत्कारिक विटामिन कहा जाता है, मगर विटामिन डी का दूसरी बीमारियों से ताल्लुक़ पूरी तरह से साबित नहीं हो सका है.

सबसे बड़ा दावा ये किया जाता है कि विटामिन डी से हमारी रोगों से लड़ने की ताक़त बढ़ती है, बेहतर होती है.

लंदन में हुए एक रिसर्च ये पता चला है कि विटामिन डी से हमारी सांस की नली में होने वाले इन्फेक़्शन से बचाव होता है.

उम्र बढ़ने के साथ दस बीमारियां लग जाती हैं. माना जाता है कि विटामिन डी इस दौरान हमारे लिए मददगार होता है. Read More : विटामिन डी के फ़ायदे about विटामिन डी के फ़ायदे

विटामिन डी की कितनी मात्रा ज़रूरी

विटामिन डी की कितनी मात्रा ज़रूरी

ब्रिटेन में हर इंसान को रोज़ाना 10 माइक्रोग्राम विटामिन डी सप्लीमेंट की ज़रूरत बताई गई है. इसे सूरज की रोशनी से भी हासिल किया जा सकता है. लेकिन, किसी के शरीर में अगर विटामिन डी की भारी कमी है, तो वो सप्लीमेंट भी ले सकता है.

कनाडा और अमरीका में 15 माइक्रोग्राम विटामिन डी की ज़रूरत बताई गई है. अमरीका के ज़्यादातर दूध, ब्रेकफ़ास्ट, अनाजों, मार्जरीन, दही और संतरे के जूस में विटामिन डी मिलाकर बेचा जाता है. Read More : विटामिन डी की कितनी मात्रा ज़रूरी about विटामिन डी की कितनी मात्रा ज़रूरी

सूरज की रोशनी कितनी कारगर

सूरज की रोशनी कितनी कारगर

अगर आप खुले हाथ बाहर वक़्त बिताते हैं, तो उन पर पड़ने वाली सूरज की रोशनी आपकी विटामिन डी की ज़रूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त है, ख़ास तौर से मार्च से अक्तूबर के बीच.

जो लोग ऐसे माहौल को हासिल कर सकते हैं, सारा लेलैंड के मुताबिक़ उन्हें विटामिन डी सप्लीमेंट लेने की ज़रूरत नहीं. लेकिन, जिन्हें इतनी भी सूरज की रोशनी नहीं मिलती, उन्हें विटामिन डी सप्लीमेंट लेना चाहिए.

कई रिसर्च से तो ये भी पता चला है कि ज़्यादा विटामिन डी सप्लीमेंट खाने से भी फ्रैक्चर का ख़तरा 20-30 फ़ीसदी बढ़ जाता है. ख़ास तौर से बुज़ुर्गों में. Read More : सूरज की रोशनी कितनी कारगर about सूरज की रोशनी कितनी कारगर

कितना विटामिन डी सप्लीमेंट ठीक है?

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रोज़ाना विटामिन डी सप्लीमेंट की 25 नैनोमॉल मात्रा लेना नुक़सानदेह नहीं है. न्यूज़ीलैंड के एक्सपर्ट इयान रीड कहते हैं कि आज 62.5 माइक्रोग्राम की मात्रा भी आराम से बिना डॉक्टर के पर्चे के ली जा सकती है. ये ठीक नहीं है.

इससे शरीर में विटामिन डी की मात्रा ज़्यादा होने का डर है. इसके भी साइड इफेक्ट हो सकते है. उल्टी और चक्कर आ सकते हैं.

कई बार नवजातों में विटामिन डी की भारी कमी पायी जाती है, जिन्हें फ़ौरन सप्लीमेंट की ज़रूरत होती है.

कुल मिलाकर मेडिकल साइंस के जानकार विटामिन डी सप्लीमेंट को लेकर बंटे हुए हैं. Read More : कितना विटामिन डी सप्लीमेंट ठीक है? about कितना विटामिन डी सप्लीमेंट ठीक है?