विटामिन डी की कमी का कारण

हर बीमारी का ताल्लुक़ विटामिन डी से नहीं

विटामिन डी से नहीं

तमाम बीमारियों को विटामिन डी की कमी से जोड़ने की जो रिसर्च हैं, उन पर लगातार सवाल उठते रहे हैं.

न्यूज़ीलैंड की ऑकलैंड यूनिवर्सिटी के इयान रीड ने इस बारे में काफ़ी पढ़ाई की है. रीड कहते हैं कि बीमार होने पर हम घर में रहते हैं. खुले में नहीं जाते. तो, हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है. शायद यही वजह है कि किसी भी बीमारी के बाद शरीर में विटामिन डी की कमी दिखती है. मगर ये सोच सही नहीं.

विटामिन डी से आंतों में कैल्शियम की तादाद सही रहती है. इससे आंतों का कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है. Read More : हर बीमारी का ताल्लुक़ विटामिन डी से नहीं about हर बीमारी का ताल्लुक़ विटामिन डी से नहीं

कितना विटामिन डी सप्लीमेंट ठीक है?

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रोज़ाना विटामिन डी सप्लीमेंट की 25 नैनोमॉल मात्रा लेना नुक़सानदेह नहीं है. न्यूज़ीलैंड के एक्सपर्ट इयान रीड कहते हैं कि आज 62.5 माइक्रोग्राम की मात्रा भी आराम से बिना डॉक्टर के पर्चे के ली जा सकती है. ये ठीक नहीं है.

इससे शरीर में विटामिन डी की मात्रा ज़्यादा होने का डर है. इसके भी साइड इफेक्ट हो सकते है. उल्टी और चक्कर आ सकते हैं.

कई बार नवजातों में विटामिन डी की भारी कमी पायी जाती है, जिन्हें फ़ौरन सप्लीमेंट की ज़रूरत होती है.

कुल मिलाकर मेडिकल साइंस के जानकार विटामिन डी सप्लीमेंट को लेकर बंटे हुए हैं. Read More : कितना विटामिन डी सप्लीमेंट ठीक है? about कितना विटामिन डी सप्लीमेंट ठीक है?