कान की नस कमजोर होना

यह एक आम बीमारी है। इस रोग में न सिर्फ सुनने की शक्ति कम हो जाती है बल्कि व्यक्ति की सामाजिक व मानसिक परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। जब कोई व्यक्ति बोलता है, तो वह ध्वनि तरंगों के द्वारा हवा में एक कंपन पैदा करता है। यह कंपन कान के पर्दे एवं सुनने से संबंधित तीन हड्डियों-मेलियस, इन्कस एवं स्टेपीज के द्वारा आंतरिक कान में पहुंचता है और सुनने की नस द्वारा आंतरिक कान से मस्तिष्क में संप्रेषित होता है। इस कारण ध्वनि का अहसास होता है। यदि किसी कारण से ध्वनि की इन तरंगों में अवरोध पैदा हो जाए, तो बहरापन हो जाएगा।

बहरे लोगो के सुनगे का आसान तरीका

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डीफनेस (बहरापन)  कई प्रकार का होता है। कई प्रकार का होता है।

आटोस्क्लीरोसिस: कान के बहरेपन की यह विचित्र बीमारी है। इस रोग में कान बहता नहींऔर सुनने की सबसे सूक्ष्म हड्डी स्ट्रेपिस सख्त हो जाती है, जिससे आवाज का कंपन बाधित होने से आंतरिक कान तक नहीं पहुंच पाता।

इलाज: कान के इस प्रकार के बहरेपन की समस्या के इलाज में जो इंप्लांट इस्तेमाल करते हैं, उन्हें पिस्टन कहते हैं,जो टेफ्लॉन, सोना, या टाइटैनियम से निर्मित होते हैं। Read More : बहरे लोगो के सुनगे का आसान तरीका about बहरे लोगो के सुनगे का आसान तरीका