केंचुआ खाने के फायदे

कौन ज्यादा उपयोगी आयातित केंचुआ या देसी केंचुआ?

कौन ज्यादा उपयोगी आयातित केंचुआ या देसी केंचुआ?

वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने में इस्तेमाल किये जाने वाले आयातित केंचुओं को भूमि के उपजाऊपन के लिये हानिकारक मानने वाले श्री पालेकर बताते है कि दरअसल इनमें देसी केचुओं का एक भी लक्षण दिखाई नहीं देता। आयात किया गया यह जीव केंचुआ न होकर आयसेनिया फिटिडा नामक जन्तु है, जो भूमि पर स्थित काष्ट पदार्थ और गोबर को खाता है। जबकि हमारे यहां पाया जाने वाला देशी केंचुआ मिट्टी एवं इसके साथ जमीन में मौजूद कीटाणु एवं जीवाणु जो फसलों एवं पेड़- पौधों को नुकसान पहुंचाते है, उन्हें खाकर खाद में रूपान्तरित करता है। साथ ही जमीन में अंदर बाहर ऊपर नीचे होता रहता है, जिससे भूमि में असंख्यक छिद्र होते हैं, जिससे वायु का स Read More : कौन ज्यादा उपयोगी आयातित केंचुआ या देसी केंचुआ? about कौन ज्यादा उपयोगी आयातित केंचुआ या देसी केंचुआ?

केंचुआ खाद - काला सोना : कृषि के लिये वरदान-

केंचुआ खाद - काला सोना : कृषि के लिये वरदान-

केंचुआ खाद - काला सोना : कृषि के लिये वरदान-

केंचुआ अपने आहार के रूप में प्रतिदिन लगभग अपने शरीर के वजन के बराबर मिट्टी व कच्चे जीवांष को निगलकर अपने पाचन नलीका से गुजारते हैं जिससे वह महीन कम्पोस्ट में परिवर्तित होते हैं और अपने शरीर से बाहर छोटे-छोटे कास्टिंग के रूप में निकालते हैं, यही केंचुआ खाद है. इस विधी द्वारा केंचुआ खाद मात्र 47 से 75 दिनों में तैयार हो जाते हैं. उसमें उसके कास्ट, अण्डे, कोकून व सूक्ष्म जीवाणु, पोषक तत्व तथा अपचित जैविक पदार्थ होते हैं. जो लम्बे समय तक मृदा को उपजाऊ रखते हैं. Read More : केंचुआ खाद - काला सोना : कृषि के लिये वरदान- about केंचुआ खाद - काला सोना : कृषि के लिये वरदान-