दृश्य ध्यान

ध्यान : अपना मुंह बंद करो!

अपना मुंह बंद करो

“तुम इसे कर सकते हो – मुंह बन्द करना बहुत बड़ा काम नहीं है। तुम एक मूर्ति की तरह बैठ सकते हो, मुंह को पूरी तरह बन्द किये, लेकिन यह क्रियाशीलता नहीं रोकेगा। अन्दर गहरे में विचार चलते रहेंगे, और अगर विचार चल रहे हैं तो तुम ओठों पर सूक्ष्म कंपन अनुभव कर सकते हो। दूसरे इसे नहीं भी देख पाएं, क्योंकि वे बहुत सूक्ष्म हैं, लेकिन अगर तुम सोच रहे हो तो तुम्हारे ओंठ थोड़े कंपित होते हैं – एक बहुत सूक्ष्म कंपन। Read More : ध्यान : अपना मुंह बंद करो! about ध्यान : अपना मुंह बंद करो!