मंडल ध्यान

ओशो गौरीशंकर ध्‍यान

ओशो गौरीशंकर ध्‍यान

इस विधि में पंद्रह-पंद्रह मिनट के चार चरण है। पहले दो चरण साधक को तीसरे चरण में सहज लाती हान के लिए तैयार कर देते है। ओशो ने बताया है कि यदि पहले चरण में श्‍वास-प्रश्‍वास को ठीक से कर लिया जाए तो रक्‍त प्रवाह में निर्मित कार्बनडाइऑक्साइड के कारण आप स्‍वयं को गौरी शंकर जितना ऊँचा अनुभव करेंगे। Read More : ओशो गौरीशंकर ध्‍यान about ओशो गौरीशंकर ध्‍यान

आज के युग मे ओशो सक्रिय ध्यान

आज के युग मे ओशो सक्रिय ध्यान

आज के युग मे ओशो सक्रिय ध्यान एक ऐसा ध्यान है जो शरीर ओर मन दोनो को रिलेक्स करता है ओर नई शक्ति को जगाता है ओर कई शारीरीक मानसिक बिमारियों से तुरन्त छुटकारा दिलाता है पतंजलि ने पांच हजार साल पहले योग और ध्यान की विधियां जिस 'आदमी' के लिए दी थीं, वह 'आदमी' अब नहीं है। जैसा आदमी आज इंटनेट के इस युग में अंधी विकास की दौड़ में जिस प्रतिस्पर्धा व तनाव को जी रहा है, ऐसा आदमी जमीन पर पहले कभी भी नहीं था।यह बड़ी नई घटना है। इस नई घटना को सोचकर ओशो ने ध्यान की कुछ नई पद्धतियों का समावेश किया है। इसके पहले कि आप ध्यान में उतरें, आपके तनावों व दमन का रेचन यानी उनका हट जाना जरूरी है। आज अष्‍टांग योग के Read More : आज के युग मे ओशो सक्रिय ध्यान about आज के युग मे ओशो सक्रिय ध्यान