सेब की खेती के लिए जलवायु कितने डिग्री chaiye

सेबों का अच्छी तरह से सूखी दोमट मिट्टी जिसकी गहराई 45 से.मी. और पीएच की पीएच सीमा 5.5-6.5 हो, पर उत्तम पैदावार होती है। मिट्टी हाई अधःस्तर और जल-मग्न परिस्थितियों से मुक्त होनी चाहिए। भारी मित्तिका वाली मिट्टियों अथवा कॉम्पैरक्टि अधोभूमि से बचना चाहिए।

जलवायु

सेब एक शीतोष्ण फल फसल है। तथापि भारत में सेब उत्पादन क्षेत्र शीतोष्णन कटिबंध क्षेत्र में नहीं आते हैं परन्तु इस क्षेत्र की प्रचलित समशीतोष्ण जलवायु हिमालयी पर्वतमालाओं और ऊँचे स्थानों के कारण है। सक्रिय विकास अवधि के दौरान गर्मियों में औसत तापमान लगभग 21-24 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। सेबों की उन क्षेत्रों में उत्तेम पैदावार होती है जहां पेड़ सर्दी में निर्बाध आराम और अच्छेल रंग विकास के लिए प्रचुर मात्रा में धूप अनुभव करते हैं। यह समुद्र तल से 1500-2700 मीटर की ऊंचाई पर उगाये जा सकते हैं। सम्पूर्ण विकास मौसम में 1000-1250 मि.मी. सु-वितरित वर्षा सेब के पेड़ों की सर्वोत्त्म वृद्धि और परिपूर्णता के लिए सबसे अनुकूल है।

सिंचाई

सेब के पेड़ कम मृदा नमी के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं। बढ़त मौसम के दौरान जल दबाव फलों की संख्या और आकार को कम कर देता है और जून गिराव बढ़ा देता है। सेब की सफलता व्यापक तौर पर वर्ष के दौरान बारिश के एकसमान वितरण पर निर्भर करती है, महत्वपूर्ण अवधियों के दौरान सूखे की स्थिति में अनुपूरक सिंचाई की जानी चाहिए। जल दबाव परिस्थितियों के परिणामस्वरूप कम फल सैट भारी फल गिराव, कम उत्पारदन और खराब गुणवत्ता हो सकती है। जल आवश्यकता की सबसे महत्वपूर्ण अवधियां अप्रैल-अगस्त है और फल सैट के बाद सबसे अधिक पानी की आवश्यकता होती है। आमतौर पर दिसम्बर-जनवरी में खाद डालने के तत्काल बाद बगीचों की सिंचाई की जाती है। गर्मी की अवधियों के दौरान, 7-10 दिनों के अन्त राल पर फसल की सिंचाई की जाती है। फल सैटिंग अवस्था के बाद फसल की साप्ताहिक अन्तरालों पर सिंचाई की जाती है। फसल-कटाई से पहले के पखवाड़े के दौरान पानी का अनुप्रयोग फल के रंग में स्पष्ट रूप से सुधार करता है। उसके ब्राडोरमेंसी की शुरूआत तक 3-4 सप्ताह के अन्तराल पर सिंचाई की जाती है।

 

सेब की खेती कैसे करें सेब खाने के फायदे जानकर रह जायगे हैरान

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शिमला: सेब की खेती के लिए एशिया का सबसे अमीर और पूरी दुनिया में मशहूर हिमाचल का ये गांव है। जानकारी के मुताबिक शिमला जिले के मड़ावग गांव को एशिया का सबसे अमीर गांव भी माना जाता है। यहां के सेबों को विदेशों में काफी पसंद किया जाता है। बता दें कि सेब की खेती ने इस गांव को डेवलप बना दिया है

क्या आपको पता है कि सेब सबसे पहले धरती पर कहां उगे? नहीं मालूम? तो, हम आपको बताते हैं. और बताते हैं सेब की कहानी. Read More : सेब की खेती कैसे करें सेब खाने के फायदे जानकर रह जायगे हैरान about सेब की खेती कैसे करें सेब खाने के फायदे जानकर रह जायगे हैरान