गोरखपुर के बहाने ..!.

लक्ष्मण के चेहरे पे मायूसी साफ झलकने लगी .!
प्रत्यंचा तो दूर की बात ...कोई महारथी धनुष को टस से मस भी न कर सका ..!
तो क्या भैया जगद्जननी मां जगदम्बा सीता अविवाहित रह जाएंगी ..??
नहीं रे ..! स्नेह मिश्रित मधुर ध्वनि श्रीराम के मुख से निकली ..!
अनुज लक्ष्मण ..! प्रत्यंचा तो मैं चढ़ा सकता हूँ ..!
पर एक संशय है ..!
लक्ष्मण खिल उठे ..!.आपको कैसा संशय भैया ..?
श्रीराम की गंभीर मुद्रा और गंभीर हुई ..!
अनुज ..! ये शिव का पिनाक है ..! इसमे तीनो लोकों की शक्ति समाई है .! अगर कहीं असावधानी वश प्रत्यंचा खींचते ही धनुष टूटा ...तो उसके कंपन मात्र से धरती अपनी धुरी से हिल सकती है ..! 
जिसका परिणाम अत्यंत भयानक होगा ..! 
समुद्र में सुंनामी आ सकती है ..! पहाड़ आपस में टकरा सकते हैं ..! जल थल सब गड्डमगड्ड हो जाएगा .!
लक्ष्मण की चिंता और गहरी हुई ..!
पर भैया कोई तो उपाय होगा .???
उपाय है अनुज ..!.
जल्दी कहिये भ्रात ..!
उपाय तुम हो लक्ष्मण ..!
तुम शेष के अवतार हो ..जिनके कंधे पे धरती टिकी हुई है ..! तुम शेष को बोलो ...के बिल्कुल सावधान रहें ।।
उधर लक्ष्मण पदमासन लगा के ध्यानस्थ हुए ...और उधर श्रीराम ने प्रत्यंचा खींच दी .! भयानक कोलाहल के साथ धनुष खंड खंड हो गया ..।

अभी त्रिपुरा चुनाव में लक्ष्मण की भूमिका सब ने देखी ..! बिना योगी के त्रिपुर सुंदरी के राज्य त्रिपुरा की शानदार जीत नामुमकिन थी ..!

उसके बाद परशुराम के कोप का भाजन भी लक्ष्मण ही बने ..! 
सूर्पनखा का नासिका विच्छेदन के साथ ...सुग्रीव मैत्री हर जगह लक्ष्मण श्रीराम से एक कदम आगे रहे . !
Up चुनाव में मोदी के बाद सबसे ज्यादा डिमांड योगी की ही रही ..!

हां लक्ष्मण के थोड़ी सी गफलत की वजह से 
सीता का अपहरण हो गया ..!
पर dont worry ..! 
उसके बाद रावण की सेना में लक्ष्मण ने हाहाकार मचा दिया था ..!
जिसके परिणाम स्वरूप पिछले दिनों भयभीत सिद्धारमैया समेत पूरी कांग्रेस मोदी को छोड़ के योगी पे हमलावर हो गई ..!
पर एक समय ऐसा भी आया जब सभी आसुरी शक्तियां सपा बसपा कांग्रेस पीस पार्टी सभी के समवेत समर्थन से मेघनाद केआक्रमण से लक्ष्मण को अमोघ शक्ति लगी और लगा के अब युद्ध समाप्त ..! बिना लक्ष्मण के युद्ध कैसे ..??
गोरखपुर हारने के बाद क्या जामवंत क्या हनुमान सब गहरी चिंता में डूब गए ..! यहां तक के प्रभुराम ने भी आस छोड़ दी ..!
मगर लक्ष्मण की मूर्च्छा टूटेगी ..! मेघनाद भी मरेगा ..! और आधुनिक शस्त्रास्त्रों से लैस मोदी 2019 भी जीतेंगे ..! असुरों का दमन भी निश्चित होगा ..! 
पर सिद्धांत बदलने होंगे ..! सबका साथ सबका विकास नही ...बल्कि "धर्म का साथ और अधर्म का विनाश " ध्येय वाक्य होना चाहिए ..!

सपाई बसपाई कांगी कामी वामी का विकास किस लिए ..??

हम गोरखपुर की हार से निराश जरूर हैं ।।पर हारे नहीं है ..!
अब तो श्रीराम की बारी है ..! मोदी का रथ 2019 के लिए सज्जित हो रहा है ..! रथ के पहियों की घरघराहट स्पष्ट सुनाई दे रही है ..!

 

 

साभार : https://www.facebook.com/upendra.vishwanath.92

Vote: 
No votes yet