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एकाग्रता को बढ़ाना आसान
एकाग्रता (एक+अग्रता) का अर्थ है किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिये अन्य बातों पर ध्यान (या प्रयास) न लगाते हुए एक ही चीज पर ध्यान (और प्रयास) केन्द्रित करना। तप और ब्रह्मचर्य अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण पाया जाता है। तप से पापों का नाश होता है, इंद्रियों को निर्बल करता है, चित्त को शुद्ध करता है, और इस प्रकार एकाग्रता की प्राप्ति में सहायक होता है। योगदर्शन में आत्मनियंत्रण तथा ध्यान के अभ्यास द्वारा एकाग्रता प्राप्त करने का उपाय बताया गया है।
एकाग्रता को बढ़ाना आसान नही है इसके लिए आपका दृढ़ निश्चयी होना बहुत जरुरी होता है तभी आप इस कार्य को संभव कर पाते हो. इसलिए आज हम आपको आपकी एकाग्रता को बढ़ाने के कुछ उपायों से अवगत करा रहे है ताकि आप उनपर अमल करके अपने कार्यो में लाभ उठा सको.
माहौल : एकाग्रता को बढ़ाने के लिए सबसे पहले आपके माहौल का अच्छा होना जरूरी है. अच्छा माहौल आपके मन को भटकने से बचाता है. इसलिए आप काम करने के लिए आरामदायक और आकर्षक माहौल का ही चुनाव करें.
· अपने काम को समझे : अगर आपको ये ही मालुम न हो कि आपको क्या करना है तो आपकी एकाग्रता बनेगी ही नही इसलिए किसी भी कार्य को करने से पहले आप ये जरुर समझ लें कि आपको कार्य क्या करना है. आप अपने कार्य को करने से पहले अपने मन में एक आधारभूत अवधारणा को भी बना सकते हो, इससे आपकी एकाग्रता बढती है.
· विचारो पर नियंत्रण : मन के भटकने का एक कारण होता है अनेक विचार, ये आपकी एकाग्रता को बेवजह ही भंग करता है. इसलिए जब भी काम करते वक़्त आपके मन में अन्य कोई विचार आये तो आप उस पर ध्यान न दे और अपने काम पर ही ध्यान को केन्द्रित करें.
· कार्य बांटे : किसी भी कार्य को करने से पहले आप एक समय सूचि तैयार करके अपने कार्यो को बाँट लें, इससे आपके कार्य और समय के बीच में एक अच्छा संतुलन बन जाता है और आप अपने कार्यो पर ज्यादा गंभीरता से ध्यान दे पाते हो. अपनी समय सूचि में आप सभी कार्यो को संतुलित रखें जैसेकि कार्य, खेल, आराम इत्यादि. ऐसा करने से ना आपके सभी कार्य पूर्ण होंगे बल्कि आपका ध्यान भी भटकने से बच जायेगा और मन को संतुष्टि मिलेगी.
· एक जगह बैठे : कार्य करने के लिए आप कभी टाल मटोल न करें और एक सीट का चुनाव जरुर कर लें. आप दृढ़ हो जाए कि आप उस सीट से अपने कार्य को समाप्त करके ही उठेंगे. आपका टाल मटोल होना आपकी एकाग्रता पर गलत प्रभाव डालता है जबकि आपका दृढ़ होना उसी गलत प्रभाव को दूर करता है.
· चीजों को व्यवस्थित करें : अपने कार्य की शुरुआत करने से पहले आप कार्य में इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों को ध्यान से देख लें और उन्हें व्यवस्थित कर लें. ऐसा करने से आपको बार बार अपनी जगह से उठाना नही पड़ता और आप अपने काम पर ही ध्यान लगा पाते हो.
· अनेक कार्यो से बचे : अनेक कार्यो के होने से आपका मन बिलकुल भी एकाग्र नही हो पता, इस स्थिति में मन हमेशा इधर से उधर भागता रहता है, कभी एक कार्य के बारे में सोचता है तो कभी दुसरे के. इस तरह आप किसी भी कार्य को नही कर पाते. आप इस तरह की स्थिति से जरुर बचे और अपने सभी कार्यो को समय पर समाप्त कर लें नाकि आप उनका अंबार बन लें.
· अनुशासन : काम करते वक़्त अनुशासन का होना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए आप पहले छोटे छोटे कार्य को चुनकर खत्म कर लें ताकि आपके कार्यो की संख्या कम हो जायें और आपको थोड़ी संतुष्टि मिले. इस आरामदेह स्थिति में आप अपने बड़े और जरूरी कार्यो पर पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित कर पाते हो.
· नकारात्मक न सोचे : हर कार्य के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव होते है, तो आप कार्य को करने से पहले दोनों के बारे में विचार जरुर कर लें किन्तु आप बार बार नकारात्मक को न सोचते हुए सकारात्मक पर ध्यान दें और अपने प्रयास को भी सकारात्मक ही रखें. नकारात्मक सोचने से आपके दिमाग पर गलत प्रभाव पड़ता है जिसका परिणाम भी गलत होता है.
· शोर से बचे : सभी को संगीत सुनना अच्छा लगता है, साथ ही सब काम करते वक़्त अपने फ़ोन को साधारण प्रोफिल पर रखते है ताकि वो व्हाट्स एप पर जवाब दे सके या ईमेल का पता कर सके, किन्तु आपको बता दें कि ये सब आपकी एकाग्रता को भंग करते है. इसलिए जब भी आप काम कर रहे हो तो आप पाने फ़ोन को बंद कर दें या साइलेंट कर दें ताकि काम करते वक़्त आपके आसपास कोई शोर शराबा न हो.
· अच्छा आहार और व्यायाम करें : अच्छा व्यायाम और पौष्टिक आहार न सिर्फ आपकी एकाग्रता को बढ़ता है बल्कि आपके शरीर को भी स्वस्थ रखता है. इससे आपके शरीर से आलस और थकान दूर होती है. अपनी एकाग्रता को बढ़ाने के लिए आप रोज बादाम, दूध और फलो का सेवन करें. साथ ही आप रोज व्यायाम करना भी न भूले ये आपको मानसिक शक्ति देता है. एकाग्रता को बढ़ाने के लिए आप क्वाइन ट्रिक और चेयर ट्रिक नाम के व्यायाम को अपनायें.
· योग : योग का जीवन के हर हिस्से पर गहरा असर पड़ता है. योग को उपचार नही बल्कि एक क्रिया है जो संतुलन बनाती है. आप प्रतिदिन गंभीरता से योग करें, इससे आपका दिमाग नियंत्रित होता है और आपकी एकाग्रता भी धीरे धीरे बढती है.
· दिमाग को प्रशिक्षित करें : कई बार ऐसा होता है कि हम किसी कार्य पर ज्यादा समय तक ध्यान नही लगा पाते, इस स्थिति में हमारा मन उस कार्य को छोड़ देने की कोशिश कहता है किन्तु आप ऐसा बिलकुल न होने दें बल्कि आप इसके विपरीत उस कार्य पर ज्यादा ध्यान दें, ऐसा करने से आपका दिमाग प्रशिक्षित होता है और आप अगली बार अपने हर कार्य पर ध्यान लगा पाते हो.
· समाप्ति सीमा को निर्धारित करें : आपकी एकाग्रता को बढ़ाने के लिए आप अपने कार्यो की एक समाप्ति सीमा बना लें और अपने मन को इतना दृढ़ कर लें कि आपको उस समय तक अपने कार्य को समाप्त करना ही है. इससे आपकी दृढ़ता बढती है और आपका कार्य भी समय पर पूरा हो जाता है. इसका एक अन्य फायदा ये होता है कि आप गैर जरूरी कार्यो की चिंता से मुक्त हो जाते हो.
· नींद : माना जाता है कि नींद व्यक्ति को ताजगी देती है और हर कार्य को करने से पहले आपका ताजा होना भी जरूरी होता है, तो आपको प्रतिदिन एक अच्छी नींद जरुर लेनी चाहियें. आप चाहो तो अपनी नींद के लिए एक समय को भी निर्धारित कर सकते हो. नींद से आपकी थकान उतारती है और आप अपने कार्य पर ध्यान लगा पाते हो.